अमर भारती : दिल्ली हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाते हुए यह साफ कर दिया कि निजी स्कूल फीस न भरने पर छात्र का नाम तो काट सकते हैं, लेकिन अब इस कारण उसे स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र जारी करने से इंकार नहीं कर सकते। यह फैसला हाईकोर्ट ने दो छात्रों की जनहित याचिका पर सुनाया है। इन छात्रों ने हाईकोर्ट को पत्र लिखा था, जिसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया गया था।
बता दें कि मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल की अगुवाई वाली खंडपीठ ने अशोक विहार स्थित कुलाची हंसराज मॉडल स्कूल को कार्तिक व प्रियांश का प्रमाण पत्र एक सप्ताह के भीतर जारी करने का निर्देश दिया है।
खंडपीठ ने न्याय मित्र अधिवक्ता अशोक अग्रवाल की दलीलों से सहमति जताते हुए कहा कि दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट एंड रूल्स के मुताबिक कोई भी निजी स्कूल बकाया फीस न भरने पर किसी छात्र का स्कूल छोड़ने का प्रमाण जारी करने से मना नहीं कर सकता।
पीड़ित छात्रों ने 30 अप्रैल, 2019 को पत्र लिखकर हाईकोर्ट को बताया था कि एक लाख रुपये की बकाया फीस न भरने के कारण स्कूल प्रमाण पत्र जारी नहीं कर रहा है। इस कारण वह दूसरे स्कूल में दाखिला नहीं ले पा रहे हैं।
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