अमर भारती : 15 अगस्त से पहले जम्मू कश्मीर में कुछ बड़े होने कि आशंका नज़र आ रही है और ऐसा क्या बड़ा होने वाला है जो अमरनाथ यात्रा को भी तुरंत रोक दिया गया और 28000 हज़ार जवानो को तैनात कर दिया गया
जम्मू कश्मीर में एक हफ्ते पहले 10 हज़ार अतिरिक्त जवानो की तैनाती की बात हुई थी और अब फिर 28000 हज़ार सुरक्षा कर्मियों को भेजने का फैसला किया गया है अतिरिक्त सुरक्षा बलो में सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स के जवान भी शामिल है इसक साथ साथ bsf ,crpf itbp और ssb के जवान भी शामिल किये गए हैं पर सवाल ये उठता है कि एक हफ्ते के बीच ऐसा क्या हुआ जिसमे इतनी बड़ी संख्या में सुरक्षा कर्मियों कि तैनाती हो रही है जम्मू कश्मीर कि इस एडवाइजरी में अमरनाथ यात्रियों को यारा ख़त्म करके फ़ौरन वापस लौटने का आदेश दे दिया गया है जबकि अमरनाथ यात्रा 15अगस्त तक चलनी थी लेकिन आतंकी हमले कि आशंका को देखते हुए ये एडवाइजरी जारी कि गयी है जो कि बहुत अहम् मानी जा रही है इससे पहले सेना ने conference कि थी और बताया गया कि अमरनाथ यात्रा के रुट पर स्नाइपर राइफल मिली है और सेना का अचनक से इक्ताला कर देना इसका मतलब वाकई कुछ गंभीर है हालाँकि अंदाज़ा ये भी लगे जा रहा हैं कि अनुच्छेद 35 a को खतम करने कि कोशिश कि जा रही है कुछ दिन पहले राज्यपाल सत्यपाल मालिक ने कहा कि अनुच्छेद 35 a को ख़त्म करने का कोई मकसद नहीं है लेकिन लोकसभा चुनावो से पहले अमित शाह का यह कहना कि अन्नुछेद 35a और 370 को ख़त्म कर दिया जायेगा और अब 35 हज़ार अतरिक्त जवानो की खबर ने मिलकर घाटी के सियासी नेताओं में असमंजस का माहौल पैदा कर दिया है 25000 सुरक्षा कर्मियों के साथ क्या मोदी और शाह की जोड़ी कोई बड़ी प्लांनिग में है
चूंकी बड़ी संख्या में जवानों की तैनाती हो रही है इसलिए कश्मीर घाटी में केंद्र सरकार ने वायुसेना को हाई अलर्ट पर रखा है। भारतीय वायुसेना भी घाटी में पेट्रोलिंग कर रही है. गुरुवार शाम से ही वायुसेना भी अलर्ट मोड में है। राष्ट्रीय राइफल्स और सेना की अन्य यूनिट को एलओसी और संबंधित इलाकों में तैनात किया जा रहा है। सेना का मकसद इस बार है कि जम्मू-कश्मीर से पूरी तरह आतंकवाद का खात्मा कर दिया जाए।