अनर भारती : देश की राजधानी दिल्ली को बढ़ते प्रदूषण और जाम से मुक्ति दिलाने के लिए दिल्ली के सभी टोल प्वाइंट पर आरएफआईडी टैग के बगैर वाहनों को 23 तारीक के बाद से प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। इसको अब टाला नहीं जा सकता क्योकि टैग लेने में देरी करने वालों पर भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है। अब तक 1.5 लाख से अधिक टैग की बिक्री हो चुकी है, जबकि आखिरी तारीख से पहले बिक्री में कई गुना इजाफा होने की संभावना जताई जा रही है।
बताया जा रहा है कि दिल्ली में रोजाना 60 हजार से एक लाख तक वाणिज्यिक वाहन प्रवेश करते हैं। वाणिज्यिक वाहनों के लिए आरएफआईडी टैग को अनिवार्य करने के लिए तारीख कई बार टल चुकी है। एमसीडी का दावा है कि उनके पास टैग की कमी नहीं है, बल्कि इसके लिए आखिरी दिन अधिक संख्या में वाहन चालकों के इकट्ठा पहुंचने की वजह से समस्या पैदा हुई थी। 16 अगस्त से इसे लागू किया जाना था, लेकिन ट्रांसपोर्टरों की मांग पर इसे लागू करने की तारीख एक सप्ताह के लिए बढ़ा दी गई।
दरअसल अब से राजधानी के टोल प्वाइंट्स को आरएफआईडी टैग प्रणाली युक्त कर दिया गया है, ताकि प्रवेश के दौरान वाहनों को ज्यादा समय न लग सके। वहीं टैग धारक वाहनों का पूरा ब्योरा टोल प्वाइंट्स पर होगा, ताकि वाणिज्यिक वाहनों को प्रवेश में न तो देरी हो और न ही किसी और तरह की परेशानी का सामना करना पड़े। वाहनों के टोल प्वाइंट पर इंतजार में वक्त न लगने से ईंधन की बचत के साथ-साथ प्रदूषण में कमी आएगी, तो जाम की स्थिति को भी काफी हद तक टाला जा सकेगा।
हालांकि इस पूरे मामले में एक अधिकारी का कहना है कि आरएफआईडी टैग की कमी नहीं है और इसकी बिक्री के लिए सेंटर बनाने सहित मोबाइल वैन के जरिये भी टैग दिए जा रहे हैं, बावजूद इसके अगर टैग लेने में वाहन चालक ध्यान नहीं देते हैं तो उन सभी पर जुर्माना लगेगा। टैग वाले वाणिज्यिक वाहनों को दिल्ली में प्रवेश के लिए टोल टैक्स के साथ-साथ पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क का भी भुगतान करना होगा।
गौरतलब है कि 23 अगस्त तक टैग न लेने वाले वाहन चालकों से पहले सप्ताह दोगुना, दूसरे सप्ताह चार गुना, जबकि तीसरे सप्ताह छह गुना राशि वसूली जाएगी। दिल्ली प्रशासन ने सभी वाहन चालकों और मालिकों से अपील की है कि जल्द से जल्द वाहनों के लिए टैग हासिल कर लें।