अमर भारती : बाराबंकी के स्टेट बैंक रामनगर में आय दिन सर्वर खराब होने का बहाना बना उपभोक्ताओं को काफी परेशान किया जाता है। मैनेजर महिला होने के नाते लोग वाद-विवाद से बचते नजर आते हैं। जब कभी बैंक मैनेजर का मन हुआ कि काम न किया जाए तो बाहर कनेक्टिविटी ना होने का बोर्ड लटका कर अंदर विभागीय कार्य किए जाते हैं। उपभोक्ता जब आते हैं तो उन्हें बैरंग लौटना पड़ता है। कनेक्टिविटी ना होने पर उपभोक्ता पैसा न जमा कर पाते हैं और ना ही निकाल पाते हैं। कई कई बार तो बहुत जरूरी होने के बाद भी मैनेजर से उपभोक्ताओं की मुलाकात नहीं कराई जाती की उपभोक्ता उनसे मिलकर अपनी समस्याएं तो बता सके। बैंक सूत्रों की माने तो महीने में कम से कम छह सात दिन सर्वर खराबी का बहाना बनाया जाता है। स्टेट बैंक की इस तरह कारगुजारी से बैंक के ग्राहक परेशान हो रहे हैं।उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं होती है। यहां तक केसीसी बनवाने वाले आए दिन बैंक के चक्कर लगाते हैं। लेकिन उनका काम उनका काम दौड़ने के बाद भी जल्दी नहीं किया जाता।
एटीएम कार्ड भी नहीं बनाया जाता है। कार्ड बनता है तो नंबर नहीं मिलता है। और ना ही चेक बुक दी जाती है।हर तरह से उपभोक्ताओं का उत्पीड़न बैंक द्वारा किया जा रहा है। मैनेजर से मिलकर जब कोई शिकायत करता है। तो उसकी शिकायत अनसुनी की जाती है। और कहा जाता है यहां सब ठीक-ठाक चल रहा है। जब मन होगा तब काम होगा नहीं तो कनेक्टिविटी खत्म कर दी जाएगी। जिस दिन स्टाफ की कमी होती है उस दिन विशेष तौर से कनेक्टिविटी का बहाना बना दिया जाता है। और अंदर काम होता रहता है खाताधारकों को भी बैरंग लौटा दिया जाता है। जबकि यह बैंक ग्राहकों के दम पर ही चलती है। लेकिन फिर भी महिला मैनेजर आए दिन लोगों से बदतमीजी करती है। कई ग्राम प्रधानों का कहना है।कि अगर महिला मैनेजर हटाई नहीं गई तो हम सब अपने खाते भी बंद करवा देंगे। भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष प्रफुल्ल तिवारी ने बताया कि मैं 1 महीने से लगातार दौड़ रहा हूं। लेकिन मेरी सुनवाई नहीं हो रही है। मैनेजर महिला हैं इस नाते बात भी नहीं करती हैं। अगर एक सप्ताह में व्यवस्थाएं ठीक नहीं की गई तो बैंक मैनेजर की शिकायत सीधे वित्त मंत्री से की जाएगी।