अमर भारती : नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम को नेशनल नेटवर्क की सहायता से प्रभावी क्रियान्वयन विषय पर आयोजित कार्यशाला का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुभारंभ किया। जिसमें उन्होने कई तरह से क्लीव एयर के बारे में भी खास बातचीत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान लागतार गेंहू काटने के बाद खेत मे आग लगा रहे है , जो कि बड़ी समस्या पैदा कर रहे है , इसके लिए जागरूकता की जरूरत है। पॉल्युशन बोर्ड व अन्य ईकाई का काम सिर्फ चलान काटना नही है , जागरूकता फैलना भी बहुत जरूरी है ।आज तकनीकी को हमने इतना महंगा कर रखा है कि सॉलिड वेस्ट मनागमेंट काफी महंगी पड़ती है ।नेशनल क्लीन एयर कार्यशाला में सीएम योगी ने प्रदूषण नियंत्रण पर बात की। प्रदूषण नियंत्रण में अभी जागरूकता की कमी है। व्यापक जागरूकता के अभियान अपर्याप्त हैं। खेतो में आग लगाना नही रुक रहा।
इसके लिए किसान को जागरूक किया जाना चाहिए। जनसहभागिता से समाधान निकाला जाए। तकनीक को भी सस्ता और सुलभ बनाया जाए। सॉलिड बेस्ट मैनेजमेंट की तकनीक आज भी महंगी है। सस्ती और सस्टेनेबल तकनीक की आवश्यकता है। इसके बाद सीएम योगी ने प्रयागराज कुम्भ को स्वच्छता और तकनीकी दक्षता का श्रेष्ठ उदाहरण बताया। गंगा की अविरलता और निर्मलता को बनाये रखा। 24 करोड़ श्रद्धालुओं के आने पर भी स्वच्छता बनी रही। इस कार्यक्रम के दौरान योगी ने पीएम की भी का तारीफ की।ई ी उन्होने कहा पीएम ने प्रदूषण नियंत्रण पर बड़ा काम किया है।
8 करोड़ गरीब परिवारों को एलपीजी देकर धुएं से मुक्त कराया है। हालाकि सीएम ने वन विभाग पर सवाल उठाए कि वन विभाग को सार्वजनिक स्थल के पेड़ों को काटने की अनुमति नहीं देना चाहिए। उन्हे सख्ती से पेड़ों के कटान को रोका जाना चाहिए। पर्यावरण से जुड़े हुए सभी विभागों को तेजी विकास दिखानी चाहिए, ताकि प्रकृति पर्यावरण का संतुलन बनाया जाए। एसटीपी की तकनीक महंगी होने से चोरी हो रही है। रात में उद्योगों द्वारा एसटीपी बन्द किये जाते हैं।
इन सभी के बीच सीएम ने खुद से और प्राकृति से जुड़ी कुछ यादें भी ताजा की। जिसमें उन्होने बताया कि मैने उत्तराखंड के गाँव मे शिक्षा प्राप्त की। हम एक झील से पीने का पानी लाते थे। मीठा पानी पीकर लोग स्वस्थ रहते थे। पानी के स्रोत के आसपास पीपल, नीम, जामुन और गूलर के पेड़ थे। पेड़ काटने से वहां जलस्रोत नहीं बचा। प्रकृति के साथ समन्वय बानाकर ही प्रदूषण नियंत्रण हो सकेगा।