अमर भारती : कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए भोपाल, इंदौर और उज्जैन में देश के औसत से भी ज्यादा जांच कराई गई हैं। देश में प्रति दस लाख व्यक्तियों पर जांच का औसत 517 का है, लेकिन उज्जैन में 3870 जांच की गईं, जो रिकॉर्ड है। वहीं, इंदौर में प्रति दस लाख व्यक्तियों पर दो हजार 486 और भोपाल में तीन हजार 316 जांच की गई। उधर, धीरे-धीरे संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में भी आती जा रही है।
शिवपुरी में 22 दिन, गुना में 17 दिन और आगर में 16 दिन से कोई कोरोना पॉजिटिव प्रकरण नहीं आया है। बैतूल और रतलाम जिले में भी पिछले 13 दिनों से कोई पॉजिटिव मामला नहीं आया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना संकट को समाप्त करने के लिए अब शहर और जिलेवार परिस्थितियों को देखते हुए विशेष रणनीति बनाई जाए।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में मरीज ठीक हो रहे हैं। नए प्रकरणों में कमी आ रही है। अधिकारियों की टीम जिलों में भेजी गई है।स्थिति पर लगातार नजर रखें और किसी प्रकार की लापरवाही नहीं हो। इस दौरान अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने बताया
कि जांच में जिस तरह पॉजिटिव मरीजों की संख्या में लगातार कमी आ रही है, उससे पता चलता है कि संक्रमण की रफ्तार कम हो रही है। मंगलवार की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में कुल तीन हजार 942 कोरोना सैंपल में से 223 ही पॉजिटिव आए हैं। भोपाल की स्थिति में विशेष सुधार हुआ है। यहां के दो हजार 30 सैंपल में से 30 पॉजिटिव आए हैं। इसी तरह उज्जैन के 225 सैंपल में से चार और जबलपुर के 222 सैंपल में एक पॉजिटिव है।