#देश में कोरोना महामारी की स्थिति निरन्तर भयावह होती जा रही है। संक्रमितों और मृतकों का आंकड़ा प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, जो गम्भीर चिन्ता का विषय है। शुक्रवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घण्टे में सर्वाधिक 49 हजार से अधिक नये मामले सामने आये और यह आंकड़ा 49,310 पर पहुंच गया। इसके साथ ही देश में कुल दर्ज मरीजों की संख्या 13 लाख 87 हजार पर पहुंच गयी।
24 घण्टे में 740 लोगों की मृत्यु के साथ कोरोना से मरने वालों की संख्या भी 30 हजार 601 हो गयी है। यह आंकड़े कोरोना की भयावहता को दर्शाते हैं। सरकारी आंकड़ों के अतिरिक्त ऐसे भी कोरोना से संक्रमित लोग हैं, जो अपनी बीमारी को छिपाये हुए हैं और स्वयं अपना उपचार कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में देश में कोरोना मरीजों की संख्या और अधिक हो सकती है। आंकड़ों में निरन्तर वृद्धि का एक कारण यह भी है कि जांच में तेजी आयी है।
अभी तक 1.5 करोड़ से अधिक कोरोना जांच हो चुकी है और यह निरन्तर जारी है। इसलिए आंकड़ों में और वृद्धि हो सकती है। पांच राज्यों से कोरोना के मामले अधिक आ रहे हैं, जिनमें महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश हैं। कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या में वृद्धि राहत की बात है।
रिकवरी दर बढ़कर 63.45 प्रतिशत हो गयी है। देश में गम्भीर चिन्ता की बात यह है कि पहले एक लाख मरीजों को सामने आने में 110 दिन लगे थे लेकिन उसके बाद दो लाख मामले तक पहुंचने में 15 दिन का समय लगा। अब हर एक लाख मामलों में लगने वाला समय कम होता जा रहा है।
प्रत्येक एक लाख मामलों में आने में मात्र तीन दिनका समय लग रहा है। कोरोना की निरन्तर बढ़ती रफ्तार से महामारी की भयावहता का अनुमान लगाया जा सकता है। राहतकारी समाचार यह भी है कि टीके के मामले में अच्छी प्रगति हुई है और मानव पर इसका परीक्षण चल रहा है।
भारतीय चिकित्सा अनुसन्धान परिषद (आईसीएमआर) का दावा है कि आगामी 15 अगस्त से टीका बाजार में उपलब्ध हो जायगा। जनता को काफी सतर्कता बरतने की जरूरत है। मास्क और सामाजिक दूरी का अनिवार्यत: पालन होना चाहिए। इसके लिए राज्य सरकारों को सख्त कदम उठाना चाहिए।
झारखण्ड सरकार ने नियमों के उल्लंघन पर एक लाख रुपये तक जुर्माना और दो साल की कैद की सजा देने का कड़ा कदम उठाया है। इस सख्ती का जनता पर अवश्य प्रभाव पड़ेगा। वैसे स्वेच्छा से नियमों का पालन अधिक उचित है।