जयपुर. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने राजस्थान में फ्लोर टेस्ट के दौरान अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ वोट करने के लिए अपने पूर्व विधायकों को एक व्हिप जारी किया है।
गौरतलब है कि शुक्रवार से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र के दौरान फ्लोर टेस्ट आयोजित किया जा सकता है।
पिछले साल बसपा के छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इसे बसपा ने अवैध करार दिया था और अदालत में चुनौती दी थी।
यह व्हिप पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा द्वारा जारी किया गया है। उन्होंने छह विधायकों को दसवीं अनुसूची के सेक्शन 2 (1) (ए) के तहत जारी व्हिप के अनुसार वोट करने या दसवीं अनुसूची के 2 (1) (बी) के तहत अयोग्यता का सामना करने के निर्देश दिए हैं।
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यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया, लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट में यह मामला लंबित होने के कारण कोई आदेश पारित नहीं किया गया।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट में दावा किया कि राजस्थान में 7 दिसंबर, 2018 को हुए विधानसभा चुनाव में बसपा द्वारा जारी किए गए टिकटों पर पार्टी के छह विधायक चुने गए थे।
ये हैं छह विधायक —
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संदीप यादव
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वाजिब अली
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दीपचंद खेरिया
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लखन मीणा
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जोगेंद्र अवाना
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राजेंद्र गुढ़ा
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जिन्होंने बाद में सितंबर 2019 में कांग्रेस का दामन थाम लिया था।
सचिन पायलट के साथ हुए विवाद के बाद कांग्रेस सरकार विधायकों की संख्या के मामले में सुरक्षित है, क्योंकि पार्टी के पास आवश्यक बहुमत से अधिक विधायक हैं।
वहीं कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में पायलट और अशोक गहलोत ने पार्टी ऑब्जर्वर की मौजूदगी में हाथ मिलाया।
बैठक में गहलोत ने बीती बात को भुलाने का आह्वान करते हुए कहा, अपने ताउ अपने होते हैं। हम इन 19 विधायकों के बिना भी सदन के पटल पर बहुमत साबित कर सकते थे, लेकिन तब चारों ओर खुशी नजर नहीं आएगी।
गहलोत ने आगे कहा, हम खुद ही अविश्वास प्रस्ताव को आगे बढ़ाएंगे। हम अपने उन विधायकों की शिकायतों को भी हल करेंगे जो हमसे नाराज हैं।
वहीं भाजपा ने गुरुवार को घोषणा की कि वह विशेष विधानसभा सत्र शुरू होने पर गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी।