दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने उपराज्यपाल को लिखा पत्र
दिल्ली पुलिस की एन्टी करप्शन सेल से मामले की जाँच की माँग
अमर भारती टीम
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के हर फैसले पर अंगुली उठाने वाली दिल्ली सरकार या यूं कहें कि ‘आम आदमी पार्टी’ की सरकार ख़ुद एक नए घोटाले में फंस गई है। इस बार घोटाले का आरोप भारतीय जनता पार्टी ने लगाया है। घोटाला है 3500 करोड़ का और जुड़ा है दिल्ली परिवहन निगम यानी डीटीसी से।
एन्टी करप्शन सेल से जाँच की माँग
दरअसल, दिल्ली में लो फ़्लोर बसों यानी जिन बसों की फ्लोर निचली होती है, उनकी ख़रीद में भाजपा ने कथित तौर पर घोटाले का आरोप लगाया है। बीजेपी ने मांग की है कि दिल्ली पुलिस का एंटी करप्शन सेल इस घोटाले की जांच करे। उधर, आम आदमी पार्टी इस मामले में एकदम शांत है।
मार्च 2020 में डाला गया था टेण्डर
पहले मामले को समझ लीजिए। आपको बता दें कि, साल 2020 के मार्च महीने में दिल्ली सरकार ने 1000 लो फ्लोर बसें खरीदने का टेण्डर डाला था। मार्च से 8 महीने बाद नवंबर 2020 में दिल्ली परिवहन निगम यानी डीटीसी ने टाटा और जेबीएम ऑटो लिमिटेड बस डिवीजन को कॉन्ट्रैक्ट देने का फैसला लिया। दो महीने बाद साल बदल गया और आया वर्ष 2021, महीना था जनवरी। दिल्ली सरकार की तरफ़ से टाटा को 300 और जेबीएम को 800 लो फ्लोर बसों का ऑर्डर दे दिया गया। ऑर्डर देने के 2 महीने तक तो सब ठीक-ठाक चलता रहा लेकिन दो महीने बाद एक विवाद पैदा हो गया।
भाजपा विधायक ने विधानसभा में लगाये आरोप
पता हो कि, दिल्ली विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के विधायक विजेंद्र गुप्ता ने बसों के रखरखाव को लेकर दिल्ली सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। विधायक विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि, आम आदमी पार्टी की सरकार बसों की कीमत से ज्यादा खर्च इन बसों के तीन साल के रखरखाव पर करने जा रही है। जबकि, खरीद की शर्तों के मुताबिक, 3 साल तक बसों के रखरखाव की जिम्मेदारी आपूर्ति करने वाली कंपनी की होनी चाहिए।
गहलोत बोले, जो करना है, करें
इस पर दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि, जब भी आम आदमी पार्टी की सरकार ने बसों की खरीद की कोशिश की है, भाजपा विधायक ने हमेशा विभिन्न एजेंसियों में शिकायत दर्ज की है। उन्होंने कहा, 12 साल बाद दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) नई बसें लाने जा रहा है। हम एक साल में पहले ही 1600 बसें चला चुके हैं और बसें आएंगी। आप जो करना चाहते हैं, करें।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने उपराज्यपाल को लिखा पत्र
लेकिन, इतने से ही मामला शांत होने वाला कहाँ था? बीती 10 जून 2021 को दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को शिकायती पत्र लिख डाला। पत्र में आदेश गुप्ता ने आरोप लगाया कि, डीटीसी लो फ्लोर बसों की खरीद को लेकर परिवहन विभाग की अंदरूनी जांच में वित्तीय गड़बड़ी की जानकारी मिली है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने उपराज्यपाल से इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर जांच का काम एंटी करप्शन ब्यूरो को सौंपने की मांग की है। आदेश ने पत्र में दावा किया कि, जिन कंपनियों से खरीद की गई है, उनसे बसों की देखभाल के लिए 3500 करोड़ रुपये का एग्रीमेंट किया गया है। जबकि, बसों की कुल क़ीमत महज 875 करोड़ रुपए ही है।
3 साल में देखरेख पर 3500 करोड़ रुपये, आख़िर क्यों?
दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि, आख़िर, वारंटी पीरियड में बसों की देखभाल का ख़र्च दिल्ली सरकार क्यों उठा रही है? जबकि, वारंटी पीरियड का रखरखाव का काम कंपनी का होना चाहिए। उन्होंने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाए कि, बसों की खरीद पर 875 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं। लेकिन उनके देखभाल के लिए 3 वर्षों में 3500 करोड़ रुपये खर्च करने का अनुबंध अपने आप में एक बड़े घोटाले का सबूत है।
तो यह है दिल्ली सरकार की सफाई
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि,
“बसों की खरीद के लिए दो निविदाओं और एक व्यापक वार्षिक रखरखाव का निर्णय जुलाई 2019 में कैबिनेट द्वारा लिया गया था। हमने किलोमीटर की दर 48.50 रुपये से 45.50 रुपए घटाकर, वार्षिक रखरखाव पर प्रति वर्ष 225 करोड़ रुपये की बचत की है। उन्होंने यह भी कहा कि, इन बसों की वारंटी अवधि में कुल 71 चीजें ऐसी हैं, जो वारंटी में शामिल नहीं हैं। संभवत: इन्हीं 71 चीज़ों के रखरखाव के लिए 3500 करोड़ का आवंटन किया गया है।
अब वे किन 71 चीज़ों की बात कर रहे हैं, इसका ब्यौरा अभी तक नहीं मिला है और न ही दिल्ली सरकार ने इसका कोई ब्यौरा मुहैया कराया है।