
बहराइच। कैसरगंज इलाके में पिछले 17 दिनों से दहशत का पर्याय बने आदमखोर भेड़िए का आतंक आखिरकार रविवार को खत्म हो गया। ग्रामीणों और वन विभाग की संयुक्त कोशिशों के बाद वनकर्मियों ने उसे मार गिराया। देर शाम उसका शव गन्ने के खेत से बरामद हुआ।
मंझारा तौकली के रोहित पुरवा गांव में रविवार दोपहर सर्च ऑपरेशन चल रहा था। इसी दौरान खेतों के किनारे एक भेड़िया दिखाई पड़ा। वन विभाग की टीम ने पहले उसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन जब वह बेकाबू होकर भागने लगा तो उसे गोली मारनी पड़ी। गोली लगने के बाद भेड़िया खेतों की ओर भाग गया। घंटों की तलाश के बाद उसका शव गन्ने के खेत में मिला।
रेंजर ओंकार यादव ने बताया कि वन टीम को एक नर भेड़िये को मार गिराने में सफलता मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि इलाके में मौजूद मादा भेड़िये को पकड़ने के लिए प्रयास जारी हैं।
वहीं, प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) राम सिंह यादव ने थोड़ी अलग जानकारी दी। उनका कहना है कि देर शाम एक नर भेड़िये का शव मिला है, लेकिन उसके शरीर पर गोली या चोट का कोई स्पष्ट निशान नहीं है। मौत की असली वजह जानने के लिए पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
लगातार हमलों से सहमे ग्रामीणों ने इस खबर के बाद राहत की सांस ली है। हालांकि वन विभाग ने चेताया है कि मादा भेड़िया अभी भी इलाके में घूम रही है। सुरक्षा को देखते हुए गांवों में चौकसी और बढ़ा दी गई है।