नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मॉनसून सत्र 2 अगस्त को शुरू हो रहा है और यह सत्र 13 अगस्त तक चलेगा यह जानकारी देते हुए हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कृपाल परमार ने आज विधानसभा शिमला में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि इस मॉनसून सत्र के दौरान कुल 10 कार्य दिवस निर्धारित किए गए हैं जिसमें 5 और 12 अगस्त को गैर सरकारी सदस्य कार्य दिवस होंगे। उन्होंने बताया कि गत डेढ़ वर्षो के दौरान वैश्विक महामारी कोरोना के कारण विधानसभा के पिछले सभी सत्र प्रभावित हुए हैं।
सभी विधायकों से लोकतंत्र की मर्यादाओं का पालन करने का आह्वान किया
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि कोरोना काल के बाद यह 10 दिवसीय मॉनसून सत्र काफी चुनौतीपूर्ण रहेगा और इसी के मद्देनजर उन्होंने सभी विधायकों से लोकतंत्र की मर्यादाओं का पालन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा परिसर के सभी प्रवेश द्वारों पर समुचित कानून कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यापक प्रबंध कर दिए गए हैं और सीसीटीवी कैमरों के अतिरिक्त ड्रोन कैमरों से भी विधानसभा परिसर की निगरानी की जाएगी। उन्होंने बताया कि विधानसभा भवन के सभी द्वारों पर स्कैनिंग की व्यवस्था की गई है और मास्क एवं सैनिटाइजर का पूरा प्रबंध किया गया है। इसके अतिरिक्त विधानसभा के भीतर एक आइसोलेशन कक्ष स्थापित कर दिया गया है जहां चिकित्सकों के इलावा पैरामेडिकल स्टाफ भी उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा परिसर को प्रतिदिन एक बार पूर्ण रूप से सैनिटाइज किया जाएगा।
विधानसभा के भीतर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने का आग्रह किया
कृपाल परमार ने बताया कि विधानसभा के भीतर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के उद्देश्य से सभी मंत्रियों से आग्रह किया गया है कि वे अपने साथ कम से कम स्टॉफ लाए ताकि एसओपी के नियमों का पालन किया जा सके। उन्होंने बताया कि हर बार विधानसभा सत्र के दौरान लगभग 1200 कर्मचारी ड्यूटी पर लगाए जाते थे परंतु इस बार सोशल डिस्टेंसिंग के कारण इनकी संख्या घटाकर 800 कर दी गई है।
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया की इस मानसून सत्र के दौरान प्रदेश के विभिन्न विधायकों से 618 तारांकित और 235 अतारांकित प्रश्नों सहित कुल 853 प्रश्न प्राप्त हुए हैं। इसके अतिरिक्त नियम 130 और नियम 101 के तहत कुछ एक नोटिस भी प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि इनमें अधिकतम प्रश्न कोविड-19 व्यवस्था, बरसात के कारण नुकसान, पेयजल, सिंचाई और स्वास्थ्य जैसे सामयिक मुद्दों पर उठाए गए हैं। उन्होंने कहा की सभी प्रश्न विभिन्न मंत्रालयों को भेज दिए गए हैं और सरकार को समय पर जवाब तैयार करने के लिए कह दिया गया है।
विधानसभा अध्यक्ष ने सभी मंत्रियों और विधायकों से इस मानसून सत्र के दौरान रचनात्मक सहयोग की अपील की है ताकि नियम और कानूनी प्रक्रियाओं को योजनाओं में परिवर्तित किया जा सके। उन्होंने उम्मीद जताई की हिमाचल की समृद्ध परंपराओं का अनुसरण करते हुए सभी विधायक मान मर्यादाओं का पालन करेंगे और इस 10 दिवसीय मॉनसून सत्र के निष्पादन में अपना सक्रिय सहयोग प्रदान करेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी के सहयोग से यह मॉनसून सत्र प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।