मुंबई: संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत का नाम जिस प्रवीण राउत से जोड़ा जा रहा है उस प्रवीण राउत को मुंबई पुलिस ने इसी साल फरवरी महीने में अनेक आपराधिक धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था. अब ईडी जानना चाहता है कि प्रवीण राउत की तरफ से वर्षा राउत को 55 लाख रुपये क्यों और किन हालातों मे दिए गए थे.
ईडी सूत्रों के मुताबिक इस बार सम्मन पर पेश ना होने पर ईडी वर्षा के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई भी कर सकता है. ईडी के नोटिस से एक बार फिर महाराष्ट्र की राजनीति मे भूचाल आ गया है. इस बार ईडी ने शिवसेना से राज्यसभा सांसद संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है. इसके लिए पूरी तैयारी भी कर ली गई है.
वर्षा राऊत को यह नोटिस पीएमसी घोटाले के मुख्य आरोपियों वधावन बंधुओं के कथित करीबी प्रवीण राउत के परिजनों के 55 लाख रुपये देने के आधार पर भेजा गया है. ईडी के एक आला अधिकारी ने बताया कि प्रवीण राउत की मुंबई के गोरेगांव मे गुरूआशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी है और राउत को इसी साल फरवरी महीने मे मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था. प्रवीण राउत की कंस्ट्रक्सन कंपनी को भी पीएमसी घोटाले के मुख्य आरोपियों के मुखोटों मे से एक बताया जाता है. अधिकारी के मुताबिक वर्षा राउत को इस पैसे से संबंधित सभी दस्तावेज लाने को भी कहा गया है.
ईडी सूत्रों के मुताबिक प्रवीण राउत पर आरोप था कि उसकी कंपनी के साथ महाराष्ट्र हाउसिंग डवलपमेंट कॉरपोरेशन म्हाडा ने करार किया था. साथ ही उसे 600 से ज्यादा फ्लैट विस्थापितो को देने के लिए कहा गया था. लेकिन आरोप है कि तमाम नियम कानूनों को ताक पर रख कर प्रवीण राउत की कंपनी ने ये फ्लैट बेच दिए. प्रवीण की नजदीकी जब वधावन बंधुओं से पता चली तो ईडी ने मामले की गहन जांच शुरू की और इसी दौरान पता चला कि प्रवीण राउत और उनकी पत्नी माधुरी की तरफ से शिवसेना नेता संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को 55 लाख रुपये दिए गए है.
ईडी सूत्रों के मुताबिक इस बारे मे प्रवीण और उसके परिजनों से पूछताछ की गई लेकिन अब तक की पूछताछ के दौरान 55 लाख रुपये की रकम क्यों दी गई इसका संतोषजनक जवाब ईडी को नहीं मिला. लिहाजा वर्षा राउत को पूछताछ के लिए बुलाया गया. ईडी के एक आला अधिकारी के मुताबिक इसके पहले वर्षा दो बार सम्मनों पर पेश नहीं हुई है और अगर वे तीसरे सम्मन पर भी पेश नहीं होती है तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.
सूत्रो के मुताबिक ईडी जानना चाहता है कि 55 लाख रुपये की रकम दिए जाने का आधार क्या था. क्या इसके लिए ब्याज लिया जाना था यदि हां तो कितना? ये पैसा कब लौटना था और क्या इसकी कोई किश्त चुकाई गई? पैसे देने का मकसद केवल लोन था या कुछ और? संजय राऊत परिवार से ऐसी क्या नजदीकियां थी जिसके चलते लोन दिया गया? क्या यह अनसिक्योर्ड था?
फिलहाल इस मामले मे अब संजय राउत भी खुल कर सामने आ गए है और दावा किया जा रहा है कि यह पैसा लोन के तौर पर संजय राउत के अधिकारिक तौर पर दिखाया जा चुका है. ऐसे में उस पर सवाल क्यों उठाए जा रहे है. मामले को लेकर अब राजनैतिक टिप्पणियां भी शुरू हो चुकी है. लेकिन सब की निगाहें 29 दिसंबर को होने वाली पूछताछ और वर्षा राउत के पेश किए जाने वाले दस्तावेजों पर टिकी है.