रामबाग चौराहा बना ‘वसूली का अड्डा’, महिला को बनाया ढाल; पुलिस की चुप्पी पर उठे गंभीर सवाल


आगरा।ताजनगरी का सबसे व्यस्त रामबाग चौराहा इन दिनों अवैध वसूली का खुला अड्डा बन चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपराध व भ्रष्टाचार के विरुद्ध सख्त निर्देशों के बावजूद, यहाँ पुलिस की नाक के नीचे ऑटो और बस चालकों से सरेआम अवैध वसूली की जा रही है। हैरानी की बात यह है कि थाना एतमाददौला की डिवीजन चौकी घटनास्थल से महज चंद कदमों की दूरी पर स्थित है, फिर भी वसूली का यह खेल बेखौफ जारी है।
स्थानीय लोगों और वाहन चालकों के अनुसार रामबाग से जलेसर रोड और फिरोजाबाद रोड की ओर जाने वाले ऑटो और बस चालकों से प्रतिदिन अवैध धन उगाही की जा रही है। वसूली करने वाले गिरोह ने एक महिला को आगे कर रखा है, जिसे कथित तौर पर ‘हथियार’ के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। आरोप है कि यदि कोई चालक पैसे देने से इनकार करता है तो महिला गाली-गलौज, मारपीट पर उतर आती है और झूठे महिला उत्पीड़न के मुकदमे में फंसाने की धमकी देती है। इस डर से गरीब और मजबूर चालक विरोध करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते।
वसूली का तय ‘रेट कार्ड’
पड़ताल में सामने आया है कि अवैध वसूली का बाकायदा रेट कार्ड तय किया गया है।
ऑटो चालकों से ₹100 प्रतिदिन
जलेसर मार्ग पर चलने वाली बसों से ₹250 प्रति चक्कर
जबकि नगर निगम की ओर से ऐसा कोई वैध ठेका या स्टैंड आवंटन नहीं किया गया है। इसके बावजूद रोजाना हजारों रुपये खुलेआम वसूले जा रहे हैं।
इन नामों पर लगे गंभीर आरोप
स्थानीय नागरिकों और वाहन चालकों का आरोप है कि इस पूरे अवैध नेटवर्क को रिंकू पंडित, पप्पू खान और मोहन सिंह परिहार जैसे लोग संचालित कर रहे हैं। इनके साथ कई गुर्गे भी सक्रिय रहते हैं। स्थिति इतनी भयावह है कि जब पत्रकार मामले की कवरेज करने पहुंचे तो उक्त महिला द्वारा उन्हें भी झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी गई।
पुलिस और नगर निगम की भूमिका सवालों के घेरे में
आगरा में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद अपराध और माफिया तंत्र पर लगाम लगने की उम्मीद थी, लेकिन रामबाग चौराहे की स्थिति इन दावों की पोल खोलती नजर आ रही है। सवाल यह है कि क्या डिवीजन चौकी पुलिस और नगर निगम की मिलीभगत के बिना इतना बड़ा अवैध स्टैंड और वसूली संभव है? पत्रकारों को धमकाने वाली महिला और उसके कथित संरक्षकों पर आखिर कब कार्रवाई होगी, यह बड़ा प्रश्न बना हुआ है।