लखनऊ. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि सुधार विधेयकों को किसानों के हित में ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि कृषि सुधार विधेयकों को लेकर कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है।
प्रदेश अध्यक्ष ने यहां गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कांग्रेस ने शुरू से ही देश के किसानों को कानून के नाम पर जकड़े रखा। कांग्रेस ने आज तक तो किसानों के हित में कोई फैसला लिया नहीं और आज जब कृषि सुधार पर फैसले लिए जा रहे हैं तो किसानों को गुमराह किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियों द्वारा यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि सरकार चाहती है कि किसान अपनी भूमि पूंजीपतियों को बेच दे, जबकि तथ्य यह है कि किसानों को इन विधेयकों में पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की गई। उनकी भूमि की बिक्री या गिरवी रखना पूर्णत: निषिद्ध है।
निलंबित राज्यसभा सांसद केके रागेश ने उपसभापति हरिवंश को लिखी खुली चिट्ठी
स्वतंत्रदेव ने कहा कि यह विधेयक 70 वर्षो से अन्नदाताओं के होने वाले शोषण को समाप्त कर एक नई व सुगम व्यवस्था को स्थापित करेंगे। पूर्व में किसानों को अपनी फसलों का भुगतान लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। वहीं हाल ही में पारित हुए विधेयक के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया है कि प्रत्येक व्यापारी को उसी दिन या अधिकतम तीन कार्य दिवसों के भीतर ही किसान की फसल का भुगतान करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि ये विधेयक एक ऐसा विवाद निवारण तंत्र उपलब्ध कराएंगे, जहां किसी भी विवाद व समस्या उत्पन्न होने की स्थिति में किसान तुरंत अपने स्थानीय एसडीएम के पास जाकर अपनी समस्याओं का निवारण करा सकेगा। बकाया राशि होने की स्थिति में किसानों की जमीन पर किसी भी तरह की कार्यवाही करने का अधिकार यह विधेयक नहीं देता है।
राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित होगी
सिंह ने कहा कि विपक्षी दल किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के विषय में भड़काने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि स्वयं प्रधानमंत्री कई बार कह चुके हैं कि देशभर में एमएसपी की व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी। किसानों के लिए फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के सुरक्षा कवच को बरकरार रखा गया है। इसी कड़ी में मोदी सरकार द्वारा गत 21 सितंबर को न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी भी की गई है।