जिस देश में किसान बर्बाद हो जाए, नौजवान को नौकरी नहीं है, बैंक डूबने लगे तो देश का भविष्य क्या होगा?- अखिलेश यादव
नई दिल्ली। अपने करारे बयानों के लिए मशहूर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा प्रमुख अखिलेश यादव एक बार फिर अपने बयानों से हमलावर हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव के द्वारा अजान को लेकर की गई आपत्ति पर बड़ा हमला बोला है।
असहमत हुए पूर्व मुख्यमंत्री
करीब चार सालों से सत्ता की कुर्सी से कोसों दूर अखिलेश यादव ने प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव जी के अजान वाले बयान पर नाखुशी अदा कर तंज कसते हुए कहा कि कुलपति जी ने अपनी नियुक्ति के समय ही यह समझौता किया होगा कि बाद में इस तरह के मामलों में वह अपनी आवाज जरूर उठाएंगी।
कुलपति जी अपने वायदें निभा रही हैं।
अखिलेश ने अपने बयान को आगे जोड़ते हुए कहा कि, किसी यूनिवर्सिटी की महिला की कुलपति में ऐसी भावना नहीं आ सकती। वे उसी शहर की रहने वाली हैं, कोई पहली बार उन्होंने अजान नहीं सुनी होगी। ये कहीं न कहीं सोच समझकर दिया गया बयान है। ‘अप्वाइंटमेंट’ में जो वादा किया था वो वादा पूरा कर रही हैं ‘वाइसचांसलर’।
पूरी नियुक्ति प्रक्रिया पर किया सवाल
अखिलेश यादव ने कुलपतियों की नियुक्ती की जाने वाली पूरी प्रक्रिया पर सवाल करते हुए कहा कि, पूरे उत्तर प्रदेश में देश में कितने ‘पिछड़े’ कुलपति नियुक्त हुए। कितने ‘दलित’ कुलपति नियुक्त हुए और कितने ‘मुस्लिम’ कुलपति नियुक्त हुए ये बता दे सरकार। उन्होंने कहा, ये तमाम वो पढ़े-लिखे बुद्धजीवि लोग हैं जो महंगाई पर बात नहीं करना चाहते हैं। दुनिया में हमारे देश का सम्मान कितना गिर गया है।
बैंकों की हालत पर बरसे वहीं
अखिलेश ने कहा कि जिस देश में किसान बर्बाद हो जाए, नौजवान को नौकरी नहीं है, बैंक डूबने लगे तो देश का भविष्य क्या होगा? अखिलेश ने सवाल करते हुए कहा, कहां फिक्स डिपाजिट 8 पर्सेंट मिलता था आज 4 और साढ़े चार पर्सेंट मिल रहा। ये चार पर्सेंट कहां चला गया?कहा कि नोटबंदी में सपना दिखाया फिर भी बैंक डूब गई। काला धन आया नहीं, जिस समय नोटबंदी हुई थी उस समय से ज्यादा पैसा बाजार में है उसके बाद भी उसके बाद भी किसी के जेब पैसा नहीं है। आखिर पैसा कहां चला गया?