नई दिल्ली। हिंदू शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया साल के सबसे शुभ दिनों में से एक है। संस्कृत में, अक्षय का अर्थ शाश्वत है और तृतीया का अर्थ शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन या पूर्णिमा के चरण से है। हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का बहुत अधिक महत्व होता है। इस पावन दिन स्नान-दान,आदि करना बेहद शुभ होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन किसी भी तरह का शुभ कार्य किया जा सकता है। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का प्रारम्भ आज 14 मई को प्रात: 05:38 बजे से हो गया है। इसका समापन 15 मई को प्रात: 07:59 बजे होना है।
अक्षय तृतीया के दिन का महत्व
मान्यता है कि भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का जन्म भी अक्षय तृतीया को ही हुआ था।
सतयुग व त्रेता युग का प्रारंभ भी इसी दिन हुआ था।
भगवान विष्णु के अवतार नर-नारायण व हयग्रीव का अवतरण भी इसी तिथि में होने की मान्यता है।
यह महाभारत के युद्ध का समापन दिन भी माना जाता है।
मान्यताओं के अनुसार मां गंगा का धरती पर आगमन भी इसी तिथि पर हुआ था।
तीर्थ स्थल बद्रीनाथ के कपाट भी इसी तिथि को खोले जाते हैं।
सोना खरीदना माना जाता है शुभ
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सोने या उससे बने आभूषण खरीदने की भी परंपरा है। माना जाता है कि इस दिन सोना खरीदने से सुख-समृद्धि आती है और भविष्य में धन की प्राप्ति भी होती है। यही वजह है कि इस दिन अधिकतर लोग सोना खरीदते हैं। ऐसा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति भी होती है।
अक्षय तृतीया की पूजन विधि
अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी मां की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन विष्णुजी को चावल चढ़ाना शुभ होता है। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का पूजन कर उन्हें तुलसी के पत्तों के साथ भोजन अर्पित किया जाता है। वहीं, खेती करने वाले लोग इस दिन भगवान को इमली चढ़ाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से साल भर अच्छी फसल होती है।
अक्षय तृतीया पर इन चीज़ों का दान करना होता है शुभ
अक्षय तृतीया पर, दान या दान कार्य पारंपरिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन जो भी दान किया जाता है उसका पुण्य कई गुना ज्यादा मिलता है। लोग वंचितों को खाद्यान्न, कपड़े, गुड़ और अन्य सामान का दान करते हैं। शास्त्रों के अनुसार, अक्षय तृतीया पर दान करने से परिवार में सुख समृद्धि बनी रहेगी।