अलीगढ़. अलीगढ़ के खैर इलाके के पीपल गांव में पहुंची अलग-अलग सरकारी एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों की एक टीम चीनी हवाला रैकेट से जुड़े संदिग्ध लड़के राहुल से मिलने पहुंची तो उसे चौंकाने वाली जानकारियां मिलीं।
कथित तौर पर दो चीनी कंपनियों में निदेशक और दो अन्य कंपनियों में शेयरधारक राहुल का घर बहुत ही जीर्ण-शीर्ण हालत में है। अधिकारियों की टीम उसके परिवार से सामान्य पूछताछ करने के बाद वापस चली गई।
अधिकारियों ने राहुल से भी फोन पर बात की है। उसने उन्हें बताया है कि वह पिछले एक साल से गुरुग्राम की एक मोटर व्हीकल पार्ट फर्म में काम कर रहा है। जब उसे एक व्यक्ति ने डीएलएफ साइबर सिटी में स्थित एक कार्यालय में दूसरी अंशकालिक नौकरी की पेशकश की तो उसने तुरंत हामी भर दी थी। राहुल ने टीम को बताया कि सग्गू नाम के उस व्यक्ति ने राहुल के जॉब जॉइन करते ही उसका आधार और पैन कार्ड ले लिया था जिनका हाल ही में मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट में उसकी सहमति के बिना उपयोग किया गया है। इस मामले का खुलासा कुछ ही दिन पहले दिल्ली में किया गया है।
इसके बाद रविवार की दोपहर से ही राहुल का मोबाइल फोन स्विच ऑफ हो गया है और उसके पिता भी नहीं मिल रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, राहुल के परिवार के पास 12 बीघा जमीन है और कृषि ही उनकी आय का एकमात्र स्रोत है। परिवार के बाकी सदस्य जो अब मीडिया से बात करने के लिए तैयार नहीं हैं, वे भी इस बात से हैरान हैं कि उनका बेटा कथित तौर पर करोड़पति है।
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अपना नाम बताने से इंकार करते हुए एक पड़ोसी ने कहा, हम विश्वास नहीं कर सकते कि राहुल ऐसी किसी भी चीज में शामिल हो सकता है। उनका घर जीर्ण-शीर्ण हालत में हैं और ऐसा कोई संकेत नहीं है कि उनके पास इतना पैसा आया है। इस बीच चीनी संस्थाओं द्वारा चलाए जा रहे एक हवाला रैकेट की जांच में आयकर अधिकारियों ने पाया है कि एक संदिग्ध व्यक्ति लू सांग ने अपनी पहचान बदलकर चार्ली पैंग कर ली थी, जो कि एक भारतीय नागरिक था।
उसके पास भारतीय पासपोर्ट और यहां तक कि आधार कार्ड भी था। उसकी शादी मणिपुर की एक लड़की से हुई थी। उसके पास से मणिपुर से जारी किया गया पासपोर्ट मिला है। आयकर विभाग ने पिछले ही हफ्ते कुछ चीनी व्यक्तियों और उनके भारतीय सहयोगियों द्वारा चलाए जा रहे एक हवाला रैकेट का भंडाफोड़ किया था। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि लू सांग नाम का व्यक्ति भारत में हवाला के संचालन के लिए कई चीनी फर्मों का प्रतिनिधित्व कर रहा था।
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विभाग के अधिकारियों ने बैंक कर्मचारियों और कई चीनी कंपनियों के परिसरों पर भी छापा मारा है। संदेह है कि यह घोटाला एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है। इस हवाला रैकेट को चलाने वाला आरोपी पिछले तीन सालों से इसे चला रहा था और अक्सर अपने पते बदलता रहता था। पहले वह दिल्ली के द्वारका इलाके में रहता था लेकिन वर्तमान में उसका पता बदलकर डीएलएफ हो गया है।