अमर भारती : कानपुर-आठ माह की बंदी झेलने के बाद करोड़ों का नुकसान झेल चुकीं शहर की सभी 94 टेनरियों को फिर से बंद करा दिया गया जिसके चलते लाखों लोगों के हाथों से रोजगार छिन गया टेनरियों को फिलहाल अनिश्चितकाल के लिए बंद करने के आदेश से टेनरी मालिक फिर लंबे नुकसान में आ जाएंगे इतना ही नहीं जिन 28 टेनरियों को माघ मेले के दौरान भी चलाने की छूट थी वो भी नए आदेश के तहत बंद कर दी जाएंगी अब इन्हें मिलाकर चालू की गईं 122 टेनरियों का भी संचालन नहीं हो सकेगा।
जल निगम के पाले में गई गेंद : शासन ने टेनरियों बंद करने के आदेश के पीछे वजह बताते हुए कहा है कि जब तक सीईटीपी की सफाई जल निगम नहीं कर लेता तब तक कोई टेनरी नहीं चलने पाएगी दूसरी ओर जल निगम यह दावा कर रहा है कि 30 अक्तूबर तक जाजमऊ स्थित सीईटीपी की सफाई कर ली जाएगी, अब अगर जल निगम अपने दावे पर खरा उतरता है तो अगले महीने टेनरियों को खोले जाने की स्थिति बन सकती है जल निगम द्वारा सीईटीपी की सफाई के कारण अब तक खोली गईं सारी टेनरियों का डिस्चार्ज गंगा में जा रहा है।
जल निगम ने बरती लापरवाही : तो वहीं टेनरी संचालकों का तर्क है कि जब आठ माह तक टेनरियों को बंद रखा गया था तो उस वक्त ट्रीटमेंट प्लांट की सफाई क्यों नहीं हुई? तब सफाई के लिए जलनिगम के पास पर्याप्त समय था अब जब टेनरियों को खोला गया तो सीईटीपी की भी सफाई शुरू हो गई तब यह कहा गया कि बारिश के दौरान गंगा में डिस्चार्ज जाने से कोई दिक्कत नहीं होगी प्लांट की सफाई में ज्यादा से ज्यादा दो माह का वक्त लगता मगर अब इसका खामियाजा टेनरी मालिकों को भुगतना पड़ेगा।
बंदी के कारण पलायन करने लगे टेनरी संचालक : गौरतलब है कि पिछले वर्ष को 18 नवंबर 2018 से ही शहर की सभी टेनरियों को बंद कर दिया गया था बाद में एक पंपिंग स्टेशन से कनेक्ट 28 टेनरियों को चालू किया गया मगर बाकी को बंद रखा गया जिसके चलते तमाम टेनरी संचालक कानपुर से पलायन कर कोलकाता पहुंच गए थे लंबी जांच के बाद 28 अगस्त 2019 को टेनरियों को खोला जाना शुरू हुआ अभी 122 टेनरियां चल रहीं थीं बाकी 261 टेनरियों के मानकों की जांच होनी बाकी थी अब फिर से सारी टेनरियां बंद होने से चमड़ा उद्योग प्रभावित होगा। आठ माह में बंदी के दौरान भी टेनरियों के कारोबार पर काफी भारी असर पड़ चुका है।