अमृत सरोवर में भरा भ्रष्टाचार, तालाबों में नहीं बचा एक बूंद पानी!

रिपोर्ट- सुनील कुमार सिंह

देवरिया। सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट मानी जाने वाली “अमृत सरोवर योजना” भ्रष्ट तंत्र की भेंट चढ़ती नजर आ रही है। जल संरक्षण के उद्देश्य से ग्रामीण क्षेत्रों में शुरू की गई इस योजना के तहत देवरिया जिले में 258 तालाबों की खुदाई और सौंदर्यीकरण का कार्य प्रस्तावित था। इनमें से 238 तालाबों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है और इसके एवज में अब तक 11 करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान हो चुका है।

लेकिन ज़मीनी सच्चाई कुछ और ही है।
जिले के कई तालाब न सिर्फ सूखे पड़े हैं, बल्कि उनके चारों ओर की इंटरलॉकिंग सड़कें टूट चुकी हैं, गंदगी और झाड़ियां फैल चुकी हैं और कई स्थानों पर घरों का गंदा पानी सीधे तालाब में छोड़ा जा रहा है।

अमर भारती की पड़ताल में सामने आईं सच्चाई:

  1. सलेमपुर क्षेत्र – ग्राम पंचायत रामपुर बुजुर्ग
    ₹38 लाख की लागत से बना तालाब, ₹31.25 लाख का भुगतान हो चुका, लेकिन इंटरलॉकिंग टूट चुकी, गंदा पानी छोड़ा गया, और फिर भी तालाब सूखा पड़ा है।
  2. रामपुर कारखाना क्षेत्र – ग्राम पंचायत हरपुर कला
    ₹24 लाख की लागत वाला तालाब अब कूड़े और झाड़ियों से घिरा है। पानी पूरी तरह सूख चुका, इंटरलॉकिंग उखड़ चुकी है।
  3. सदर विकास खंड – ग्राम पंचायत फुलवरिया लच्छी
    घरों का गंदा पानी तालाब में बह रहा है, तालाब पूरी तरह सूखा है, इंटरलॉकिंग पर गोबर फैलाया जा रहा है।

अमृत योजना के नाम पर लूट!

20 अप्रैल 2022 को शुरू हुई अमृत सरोवर योजना को गांवों में जल संरक्षण और हरियाली बढ़ाने के लिए एक आदर्श प्रयास के रूप में प्रस्तुत किया गया था। तीन वर्षों में सरकार ने इसे विशेष निगरानी के साथ लागू कराने की मंशा जताई थी, लेकिन स्थानीय स्तर पर ग्राम विकास अधिकारियों की देखरेख में भारी भ्रष्टाचार सामने आ रहा है।

क्या बोले जिम्मेदार?

मुख्य विकास अधिकारी प्रत्युष पांडेय ने बताया कि जिले में चिन्हित 258 तालाबों में से 238 तैयार हो चुके हैं और बाकी 20 तालाबों पर कार्य जारी है। उन्होंने शासन के निर्देशों के अनुसार कार्य कराए जाने की बात कही, लेकिन स्थलीय सच्चाई इससे जुदा है।

सवाल यही कि…

  • जब करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं तो तालाब सूखे क्यों हैं?
  • निर्माण के महज कुछ महीनों बाद ही सड़कों की इंटरलॉकिंग टूट क्यों रही है?
  • तालाबों में गंदा पानी जाने से जल संरक्षण का उद्देश्य कैसे पूरा होगा?
  • और सबसे जरूरी… जवाबदेह कौन है?