सीमा पर हर बाधा से लड़ने में होंगे मददगार
नई दिल्ली। भारतीय सेना को आज स्वदेशी रूप से विकसित पुल यानि 12 शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम प्राप्त हुआ है। यह शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम छोटी नदियों और नहरों जैसी भौगोलिक बाधाओं से भारतीय सेना की मदद करेगा। 10-10 मीटर के ये 12 ब्रिजिंग सिस्टम यानि छोटा पुल पाकिस्तान के साथ सटी पश्चिमी सीमाओं पर संचालन के लिए होगा।
सेना प्रमुख ने सौंपे उपकरण
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे द्वारा दिल्ली कैंट में कोर ऑफ इंजीनियर्स को यह उपकरण सौंपे गए। इसकी कीमत 492 करोड़ रुपये से अधिक है। पिछले एक साल में उद्योगों पर लगाए गए कोरोना प्रतिबंधों के बावजूद भारतीय सेना को ब्रिजिंग सिस्टम की आपूर्ति समय पर हो रही है।
70 टन टैंक ले जाने में सक्षम
भारतीय सेना में शामिल किए जा रहे पुल यांत्रिक रूप से लॉन्च किए गए हैं और विभिन्न प्रकार की जल बाधाओं पर 70 टन तक टैंक ले जाने में सक्षम हैं। इस प्रणाली की अनूठी विशेषता मौजूदा ब्रिजिंग सिस्टम के साथ इसकी अनुकूलता है, जो पश्चिमी सीमाओं के साथ सभी प्रकार की जल बाधाओं को दूर करने के लिए लचीलेपन को बढ़ाती है।
कोलार में चल रहा है ट्रायल
इस कार्यक्रम के दौरान डीआरडीओ प्रमुख डॉ.जी सतीश रेड्डी ने कहा कि हमने यह प्रणाली विकसित की थी। फिलहाल कोलार में इसका ट्रायल चल रहा है। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स ने इसके लिए टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की है। इसके लिए आगे की तैयारियों और विचार चल रहा है। इस दौरान कई प्राइवेट कंपनियां भी आई हैं जो टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करने में मदद कर रही हैं। इसके अलावा डीआरडीओ प्रमुख ने कहा,’मैं एलएंडटी को कम समय में इन ब्रिजिंग सिस्टम के साथ आने के लिए धन्यवाद देता हूं। मुझे बताया गया है कि अगस्त के अंत तक वे लगभग 30 पुल ब्रिजिंग को वितरित करने में सक्षम होंगे।
आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और कदम: नरवणे
सेना जनरल मुकंद नरवणे ने कहा कि यह शॉर्ट स्पैन ब्रिज पूरी तरह से मेड इन इंडिया है। इसका उत्पादन एलएंडटी द्वारा किया गया है और डीआरडीओ द्वारा डिजाइन किया गया है। यह आत्मानिर्भर भारत की ओर एक और कदम है। सेना में शॉर्ट स्पैन ब्रिज को शामिल करने के दौरान सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि यह सेना की क्षमता को बढ़ाएगा।