नई दिल्ली। दिल्ली में जंतर मंतर पर लगे मुस्लिम विरोधी नारों के मामले में पुलिस ने अश्विनी उपाध्याय समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इस आरोपियों में आरोपियों में विनोद शर्मा, दीपक सिंह, दीपक, विनीत क्रांति, प्रीत सिंह शामिल हैं। प्रीत सिंह सेव इंडिया फाउंडेशन का निदेशक है। इसी बैनर के तहत जंतर मंतर पर भारत छोड़ो नाम के आंदोलन का आयोजन किया गया था। बता दें कि रविवार को अश्विनी उपाध्याय के नेतृत्व में जंतर मंतर पर एक मार्च का आयोजन किया गया था जिसमें मुस्लिम विरोधी नारे लगाए थे।
अश्विनी ने किया सभी आरोपों को खारिज
हालांकि अश्विनी अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज करते रहे हैं। रविवार को ‘औपनिवेशक युग के कानूनों’ के खिलाफ इस मार्च का आयोजन दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रवक्ता और सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय ने किया था। इसमें समान नागरिक संहिता का समर्थन किया गया। लेकिन इसी मार्च में ही मुसलमानों के खिलाफ नारे भी लगे। वैसे उपाध्याय का कहना है कि उन्हें इस वीडियो के बारे में कोई जानकारी नहीं है। पांच-छह लोगों ने ही यह नारे लगाए। उनका कहना है कि ऐसे नारे नहीं लगने चाहिए थे।
जंतर मंतर पर प्रोटेस्ट का आयोजन
इस मामले को लेकर मंगलवार शाम जंतर मंतर पर प्रोटेस्ट का आयोजन किया गया है। पत्रकार श्याम मीरा सिंह और एआईएसए के नेतृत्व में यह प्रोटेस्ट आयोजित होगा। उनका कहना है कि अगर नफरत बाँटने वाली सांप्रदायिक आवाजें जंतर मंतर पहुँच सकती हैं तो उसी के खिलाफ मोहब्बत का एलान करने वाली आवाजें जंतर मंतर क्यों नहीं पहुंचनी चाहिए। इसी उद्देश्य के साथ यह प्रोटेस्ट आयोजित होगा।
मुसलमानों के खिलाफ सांप्रदायिक नारे
सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में मुस्लिमों को ‘राम-राम’ कहने को लेकर धमकी दी जा रहे हैं। दिल्ली के प्रमुख इलाके जंतर मंतर पर आयोजित इस प्रदर्शन में कुछ सदस्य नारे लगा रहे थे, ‘हिंदुस्तान में रहना होगा, जय श्रीराम कहना होगा’। यह स्थाछन देश की संसद और शीर्ष सरकारी दफ्तरों से कुछ ही किलोमीटर दूर है। नफरत भरे भाषणों के लिए ‘कुख्यात’ पुजारी नरसिंहानंद सरस्वोती की मौजूदगी में यह नारे लगाए गए। पुरातन समय से चले आ रहे कानूनों को हटाकर एक समान कानून बनाने की मांग को लेकर यह प्रदर्शन आयोजित किया गया था।
कथित तौर पर इस मार्च का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने उन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है जो उस कथित वीडियो में नारे लगाते हुए नजर आते हैं। पुलिस का कहना है कि उनकी इजाजत के बिना इस मार्च का आयोजन किया गया।