राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच सियासी बयानबाजियां तेज हो गई हैं. राजस्थान में नेता विपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. मुख्यमंत्री गहलोत को लेकर आक्रमक तेवर दिखाते हुए कटारिया ने कहा है कि प्रदेश में जिस दिन कैबिनेट विस्तार होगा उस दिन गहलोत सरकार गिर जाएगी.
राजस्थान में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता विपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने आज तक को दिए बयान में कहा कि, “मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कैबिनेट का विस्तार इसलिए नहीं कर रहे हैं क्योंकि वह सब को कैबिनेट में शामिल नहीं कर सकते और जिस दिन वह कैबिनेट का विस्तार करेंगे उस दिन गहलोत सरकार गिर जाएगी.”
कटारिया ने कहा कि यही कारण है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और पायलट खेमे के नेताओं को टारगेट कर रहे हैं ताकि कैबिनेट विस्तार को पोस्टपोन किया जा सके. कटारिया ने कहा कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार 6 महीने में गिर जाएगी और जब ऐसा हुआ, तो बीजेपी, जो कि एक राजनीतिक पार्टी है, अपना दांव खेलेगी.
शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया था कि वरिष्ठ भाजपा नेता और गृह मंत्री अमित शाह राजस्थान सरकार को गिराने की साजिश में शामिल थे. गहलोत ने कहा था कि गृहमंत्री शाह, भाजपा नेता धर्मेंद्र प्रधान, सैयद जफर इस्लाम हमारे नेताओं से मिले जिन्हें कहा गया था कि थोड़ा धैर्य रखें, चार पांच सरकारें पहले गिराई जा चुकी हैं और यह छठी होगी.
राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि “क्या-क्या हो रहा था राजस्थान के अंदर और किस प्रकार हमारे विधायकों की जब मुलाकात हुई अमित शाह से, वहां पर धर्मेंद्र प्रधान बैठे हुए थे, सईद जफर इस्लाम जो अभी मेंबर ऑफ पार्लियामेंट बन गए राज्यसभा के बीजेपी के, जो सिंधिया को भी ले गए थे बीजेपी के अंदर, वो बैठे हुए थे और हमारे विधायक बैठे हुए थे, एक घंटा मुलाकात उनकी हुई और विधायक आकर कहते हैं मुझे कि हमें शर्म आ रही थी कि कहां तो सरदार पटेल गृहमंत्री थे और कहां ये अमित शाह गृहमंत्री के रूप में बैठे हुए हमें मिठाइयां खिला रहे हैं, नमकीन खिला रहे हैं.
उन्होंने कहा कि,” धर्मेंद्र प्रधान हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों से बात करने का नाटक कर रहे हैं हमारा हौसला बढ़ाने के लिए और ये माहौल बना रहे थे वहां पर कि चिंता मत करो मेरा प्रेस्टीज पॉइंट है, चार सरकारें मैंने गिरा दी हैं पांच और ये छठी गिराकर रहेंगे हम लोग, थोड़ा धैर्य रखो.”
गहलोत ने कहा कि, इस प्रकार के माहौल के अंदर ये पूरा खेल खेला गया, ये तो सुरजेवाला जी थे, अजय माकन जी थे, अविनाश पांडे जी थे, वेणुगोपाल जी थे, ये तमाम लोग आकर बैठ गए और जो फैसले इन्होंने किए बर्खास्त करने के लोगों को, हमारे नेताओं को, ये नौबत आ गई, तब जाकर सरकार बच पाई है.”