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पत्रकार पर हमला- Amar Bharti Media Group जुर्म जुर्म

पत्रकार पर हमला

#गाजियाबाद.  इस देश में पत्रकारों के लिए कानून बहुत है लेकिन पत्रकारों पर हमले थमने का नाम नहीं लेते है..दिल्ली से सटे गाजियाबाद में बदमाश इतने बेखौफ हो गए हैं कि वह पत्रकारों पर भी गोली चलाने लगे हैं.

दरअसल गाजियाबाद में पत्रकार ने अपनी भांजी के छेड़ने की तहरीर पुलिस को दी थी पुलिस ने ना उसमें कार्यवाही की और ना ही किसी की गिरफ्तारी करी. तहरीर देने से नाराज बदमाशों ने पत्रकार को गोली मार दी पत्रकार जिंदगी और मौत से अस्पताल में लड़ रहा है.

 

लगातार छेड़ा जा रहा था

यह तस्वीर गाजियाबाद के पत्रकार विक्रम जोशी की है. विक्रम जोशी का कसूर बस इतना था जिसकी भांजी को लगातार छेड़ा जा रहा था और जिनको जो लगातार छेड़ रहे थे उसकी तहरीर थाने में दी थी.

तहरीर देने से नाराज बदमाशों ने कल रात विक्रम को गोली मार दी. विक्रम के सिर में गोली लगी है वह गंभीर हालत में यशोदा अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रहा है.

हालांकि पुलिस का कहना है कि जो भी आरोपी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी. लेकिन सवाल ये है कि अगर पुलिस कार्रवाई करती तो शायद विक्रम आज अस्पताल में भर्ती ना होता.

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पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है

इस देश में पत्रकारों पर हमले का मामला नया नहीं है.. जहां एक तरफ योगी आदित्य ने ये साफ शब्दों में कहा है कि पत्रकारों को एक खरोच भी आती है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है.

लेकिन गाजियाबाद में हुई घटना के बाद आप अदांजा लगा सकते है कि इस दौर में आखिर पत्रकार कितने सुरक्षित है. अगर हम आकड़ो की बात करे तो, ‘गेटिंग अवे विद मर्डर’ नाम की इस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक पत्रकारिता के पेशे से जुड़े लोगों के लिए अपना काम करना बीते पांच सालों में मुश्किल हुआ है. 2014 से 2019 के बीच पत्रकारों पर हुए हमलों के 198 गंभीर मामले दर्ज किए गए हैं.

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मुख्यमंत्री को नामित ज्ञापन

इनमें 36 मामले तो सिर्फ 2019 में ही दर्ज किए गए हैं. छह मामले तो बिलकुल ताजा हैं जो संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुए सरकार ने पत्रकारों के लिए कई कानून तो बना दिए है लेकिन पत्रकारों के सहोग में लिए गए ये कानून की हकीकत ही कुछ अलग है

वही विक्रम जोशी के घटना के बाद परिजनों का भी कहना है कि अगर विक्रम की तहरीर पर कार्रवाई होती तो आज यह घटना ना होती विक्रम की भांजी को लगातार छेड़ा जा रहा था और उसके बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की ?

इस घटना के बाद पुलिस ने जानकारी दी कि विक्रम जोशी को कल रात गोली लगी जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.

वही, विजय नगर में पत्रकार विक्रम जोशी पर जानलेवा हमले के मामले में गाजियाबाद के पत्रकारों में भारी रोष है. आज पत्रकारों ने जिला मुख्यालय पर प्रदेश के मुख्यमंत्री को नामित एक ज्ञापन जिला प्रशासन को दिय.

ज्ञापन लेने पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट से पत्रकारों ने कहा कि इस मामले में पुलिस की लापरवाही साफ दिखाई दे रही है. विक्रम जोशी तीन दिन पहले आरोपियों के खिलाफ जान को खतरा बताते हुए थाने में शिकायत दे चुके थे

बावजूद उसके पुलिस ने कार्यवाही नहीं की और ये घटना हो गई. पत्रकारों ने इस मामले में लापरवाह पुलिस कर्मियों के खिलाफ सख़्त कार्यवाही की मांग की.

गौरतलब है कि गाजियाबाद में बदमाश लगातार हावी हो रहे हैं और पुलिस हाथ पर हाथ रख कर बैठी है अब बदमाश पत्रकारों को भी अपना निशाना बनाने लगे हैं इसके बाद ऐसा लगता है कि कहीं ना कहीं पुलिस की कमजोरी है.