न्यायालय ने चेयरमैन प्रतिनिधि अयाज खां के विरुद्ध दर्ज झूठे मुकदमे को किया खारिज, कहा – “बिना सबूत इल्जाम लगाना मानसिक क्रूरता”

“बिना सबूत इल्जाम लगाना मानसिक क्रूरता”

फतेहपुर/बाराबंकी। नगर पंचायत बेलहरा चेयरमैन प्रतिनिधि अयाज खां को बड़ी राहत देते हुए हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने उनके विरुद्ध दर्ज झूठे मुकदमे को खारिज कर दिया है। न्यायालय ने साफ शब्दों में कहा कि “बिना किसी साक्ष्य के किसी जनप्रतिनिधि पर गंभीर आरोप लगाना मानसिक क्रूरता की श्रेणी में आता है।” अदालत ने मुकदमा संख्या 156/3 को निरस्त करते हुए न्याय की मर्यादा और जनप्रतिनिधियों की गरिमा को सुरक्षित रखने की बात कही।

यह मामला लखनऊ निवासी हर्ष पुत्र अशोक कुमार द्वारा दर्ज कराया गया था, जिन्होंने 18 मई 2024 को अयाज खां पर आपत्तिजनक आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करवाया था। लेकिन जब यह मामला न्यायमूर्ति बलवंत कुमार भारती की अदालत में पहुंचा, तो उन्होंने पुलिस और शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत तथ्यों और दस्तावेजों की समीक्षा के बाद पाया कि मुकदमा पूरी तरह से झूठा, मनगढ़ंत और साक्ष्यविहीन है।

न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, “किसी जनप्रतिनिधि पर बिना किसी चिकित्सकीय प्रमाण अथवा साक्ष्य के आरोप लगाना केवल उसकी छवि को धूमिल करने का प्रयास है, जिससे उसके मानसिक स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। पुलिस अधिकारी यदि बिना वैध दस्तावेजों के फर्जी मुकदमा दर्ज करता है, तो उसके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए।”

इस विषय पर चेयरमैन प्रतिनिधि अयाज खां ने कहा:
“मेरे विरुद्ध यह सब एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा था। हमारे क्षेत्र के कुछ भूमाफिया मेरी राजनीतिक और सामाजिक छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं। हमने उन पर मानहानि का मुकदमा भी दर्ज करा दिया है। न्यायपालिका के इस फैसले से मुझे न्याय मिला है।”