नई दिल्ली। अयोध्या और वाराणसी में पांच एकड़ का सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थापना की जाएगी, साथ ही एक अस्पताल की भी। आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद कॉलेजों की संख्या बढ़ती रहेगी।
दो नए सरकारी मेडिकल कॉलेजो को बनने की तैयारी
राज्य आयुष सोसायटी में दो नए सरकारी मेडिकल कॉलेज बनाने की तैयारी का जा रही है। अयोध्या में सरकारी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज और वाराणसी में सरकारी होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज खोला जाएगा। इससे मरीजों को दोनों क्षेत्रों में नए डॉक्टर तैयार करने के साथ-साथ इलाज के विकल्प में भी मदद मिलेगी। चुनावी वर्ष के दौरान दोनों धार्मिक स्थलों पर खुलने वाले कॉलेजों को राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक कॉलेजो की स्थापना
राज्य ने आयुष विश्वविद्यालय के लिए आधार तैयार किया है। यह वर्तमान में विकसित किया जा रहा है। एलोपैथिक कॉलेजों की तरह ही आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक कॉलेज भी स्थापित किए जाएंगे। राज्य सरकार करीब छह संस्थान खोलने की योजना बना रही है। पहले चरण में होम्योपैथी और आयुर्वेद के एक-एक सरकारी कॉलेज खोलने की योजना है। इन कॉलेजों की स्थापना उत्तर प्रदेश राज्य आयुष सोसायटी करेगी।
सचिव प्रशांत त्रिवेदी ने दिया जगह खोजने का आदेश
अयोध्या में आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज और वाराणसी में होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना होगी। दोनों जगहों पर कम से कम पांच एकड़ जमीन की जरूरत होगी। आयुष विभाग के मुख्य सचिव प्रशांत त्रिवेदी ने वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा और अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज कुमार झा को जगह खोजने का आदेश दिया है।
जिलाधिकारियों को भेजे गए पत्र
दोनों जिलाधिकारियों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि जमीन की पहचान कर जल्द से जल्द इसकी जानकारी दी जाए. ताकि आगे की कार्यवाही शुरू की जा सके। इन दोनों कॉलेजों के खुलने से बीएएमएस और बीएचएमएस में 100-100 सीटें बढ़ जाएंगी। संबंधित क्षेत्र के लोगों को दोनों माध्यमों की चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी। दोनों जिलों में कम से कम 100 बिस्तरों के नए अस्पताल बनाए जाएंगे। नए अस्पताल के शुरू होने से संबंधित क्षेत्र के अस्पतालों को जोड़ा जाएगा।
वर्तमान स्थिति क्या है?
राज्य में आठ सरकारी और 59 आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज हैं। लगभग 550 स्नातक सीटें और 275 स्नातकोत्तर स्लॉट उपलब्ध हैं। इसी तरह नौ सरकारी और दो निजी होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज हैं। 1176 स्नातक सीटें उपलब्ध हैं और 53 स्नातकोत्तर स्लॉट उपलब्ध हैं। यूनानी चिकित्सा पद्धति में दो मेडिकल कॉलेज हैं, एक प्रयागराज में और दूसरा लखनऊ में। 13 निजी कॉलेज भी हैं। इस प्रणाली में 739 स्नातक स्लॉट और 40 स्नातकोत्तर सीटें हैं।
विश्वविद्यालय का निर्माण 52 एकड़ में किया जाएगा
गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय, जो 52 एकड़ में बन रहा है, उसकी मार्च 2023 में खुलने की उम्मीद जताई जा रही है। लगभग 299 करोड़ की लागत से बनने वाले इस संस्थान को सभी आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक कॉलेजों से जोड़ा जाएगा।