
पिहानी, हरदोई। विकासखंड पिहानी के ग्राम बद्दापुर सआदत नगर स्थित मनोज जनसेवा रामचरन रामदेवी मेमोरियल इंटर कॉलेज में शिक्षक के साथ बदसलूकी और जान से मारने की धमकी का गंभीर मामला सामने आया है। कॉलेज के शिक्षक सुजीत कुमार, निवासी खिजी नगर (पिहानी), ने आरोप लगाया कि सोमवार को पढ़ाई के दौरान कक्षा 10 के एक दबंग छात्र ने उनके साथ गाली-गलौज की, मारपीट की कोशिश की और कॉलेज गेट के बाहर जान से मारने की धमकी दी।
सुजीत कुमार कक्षा 1 से 6 तक के बच्चों को पढ़ाते हैं। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने छात्र को अनुशासनहीन हरकतों से रोका, तो छात्र ने बदतमीजी बढ़ाते हुए हाथापाई की और बाहर घेरकर हमला करने की चेतावनी दी। घटना के बाद शिक्षक ने कॉलेज प्रबंधक मनोज जनसेवा और उनकी पत्नी आरती जनसेवा को मामले से अवगत कराया, लेकिन आरोप है कि प्रबंधन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ छात्र यह स्वीकार करते दिखाई दे रहे हैं कि दबंग छात्रों ने सुजीत सर के साथ अभद्रता और धमकी दी। छात्रों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं स्कूल में पढ़ रहे बच्चों पर बहुत ही नकारात्मक असर डाल रही हैं, जिससे पढ़ाई का माहौल बिगड़ता जा रहा है।
प्रबंधन पर गंभीर आरोप
सुजीत कुमार ने कहा कि प्रबंधन अनुशासनहीनता को बढ़ावा दे रहा है, जिससे बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ रहा है। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) और खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) से मामले की जांच कर कठोर कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि वह पिछले तीन महीनों से कॉलेज में पढ़ा रहे हैं और इस दौरान ऐसी घटनाएं कई बार घट चुकी हैं।
शिक्षक ने खुद को एक हिंदूवादी संगठन का पदाधिकारी बताते हुए कहा कि वह लगातार छात्रों को अनुशासन सिखाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन दबंग छात्रों को प्रबंधन का मौन समर्थन मिलता हुआ दिखाई देता है।
शिक्षकों पर भी सवाल
सूत्रों के अनुसार जिन दबंग छात्रों ने बदतमीजी की, वे पहले घंटे में जिन शिक्षकों के पास पढ़ते हैं—उन शिक्षकों विपिन और आलोक—पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर वे कैसी शिक्षा दे रहे हैं कि उनके ही विद्यार्थी टीचर को धमकाने और मारने तक आमादा हो रहे हैं?
शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल
यह घटना शिक्षा व्यवस्था पर गहरा प्रश्नचिह्न लगाती है।
क्या कॉलेज प्रबंधन छात्रों में अनुशासन और नैतिक शिक्षा देने में विफल है?
क्या शिक्षक विद्यालय में सुरक्षित नहीं हैं?
क्या छात्रों को इतनी छूट दी गई है कि वे शिक्षकों पर हाथ उठाने को भी तैयार हो जाते हैं?
इस तरह की घटनाएँ न सिर्फ स्कूल के माहौल को खराब करती हैं, बल्कि बच्चों के भविष्य और शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर भी गंभीर असर डालती हैं। आवश्यक है कि प्रशासन इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और शिक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।