
हरदोई। छेड़खानी की शिकार एक अबोध बालिका के साथ घटी अमानवीय घटना ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना के बाद बहादुर बेटियां फाउंडेशन की टीम ने डॉक्टर चित्रा मिश्रा और संस्थापक कुसुम लता गुप्ता (रेशमा गुप्ता) की अगुवाई में पीड़ित परिवार से मुलाकात की और अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं समाज के लिए कलंक हैं और अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाना चाहिए।
डॉ. चित्रा मिश्रा ने कहा कि यह घटना न केवल एक बच्ची के साथ अत्याचार है, बल्कि पूरे समाज की आत्मा को झकझोरने वाली है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति ऐसी हरकत करने की सोच भी न सके। उन्होंने कहा कि बहादुर बेटियां फाउंडेशन हमेशा पीड़ित महिलाओं और बालिकाओं के साथ खड़ा रहा है और रहेगा।
फाउंडेशन की संरक्षक कुसुम लता गुप्ता ने कहा कि ऐसी घटनाएं हमें डराने के लिए नहीं बल्कि हमें और जागरूक व साहसी बनने के लिए प्रेरित करती हैं। उन्होंने कहा — “हमें यह संकल्प लेना होगा कि जब भी हमारे आसपास किसी बच्ची या महिला के साथ अन्याय हो, तो हम सब एकजुट होकर उसके खिलाफ खड़े हों। समाज की एकजुटता ही अपराधियों को रोकने की असली ताकत है।”
कार्यक्रम में उपस्थित सभी महिलाओं ने एकजुट होकर कहा कि समाज में न्याय और सुरक्षा तभी संभव है जब हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी को समझे। उन्होंने बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को चिंताजनक बताया और कहा कि प्रशासन के साथ-साथ समाज को भी इस दिशा में जागरूक होने की जरूरत है।
इस मौके पर डॉक्टर चित्रा मिश्रा, कुसुम लता गुप्ता, नीतू गुप्ता, आभा श्रीवास्तव, मधु सिंह, सरोजिनी मिश्रा, नीलम गुप्ता, सरोज श्रीवास्तव, नीलम जिंदल, ज्योति बघेल, रश्मि शुक्ला, मंजू दीक्षित, अंशिका अग्रवाल और श्रेया अग्रवाल मौजूद रहीं। सभी ने यह संकल्प लिया कि “जब तक समाज से भय, उत्पीड़न और अन्याय खत्म नहीं होगा, बहादुर बेटियां की मुहिम जारी रहेगी।”