श्रीमद्भागवत कथा में उमड़ा जनसागर, गोपाल शरण शास्त्री बोले — कथा श्रवण से दूर होते हैं कष्ट

कथा पंडाल में भक्तों की भीड़, कथा वाचक पंडित गोपाल शरण शास्त्री कथा सुनाते हुए, शिव बारात की झांकी और पुष्पवर्षा का दृश्य।

बहराइच। रमपुरवा स्थित फुटहा बाबा मंदिर परिसर में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का पाँचवाँ दिन मंगलवार को भक्तिमय वातावरण में सम्पन्न हुआ। कथा वाचक पंडित श्री गोपाल शरण शास्त्री महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव एवं बाल लीलाओं का ऐसा भावपूर्ण वर्णन किया कि पूरा परिसर “जय श्रीकृष्ण” के उद्घोष से गूंज उठा।

पंडित शास्त्री महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि जीवन को सही दिशा देने वाला मार्ग है। कथा श्रवण से दुख और कष्टों का नाश होता है, मनुष्य को मनवांछित फल प्राप्त होता है और जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है। उन्होंने कहा कि “सच्चे मन से प्रभु की आराधना करने पर ही व्यक्ति को वास्तविक शांति और सुख की प्राप्ति संभव है।”

उन्होंने माखन चोरी, ग्वाल-बाल संग की बाल लीलाओं और मथुरा प्रस्थान प्रसंग का ऐसा भावपूर्ण चित्रण किया कि श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे। कथा के दौरान श्रद्धालु तालियों और हरिनाम संकीर्तन से झूमते रहे।

इससे पूर्व मंदिर परिसर से लेकर सिकटिहा तक भव्य शिव बारात निकाली गई, जिसमें आकर्षक झांकियां, हर-हर महादेव के जयकारे और शिव-पार्वती स्वरूपों ने पूरे क्षेत्र को धार्मिक ऊर्जा से भर दिया। श्रद्धालुओं ने फूलों की वर्षा कर बारात का स्वागत किया।

कार्यक्रम में हनुमंत लाल, अनुज मिश्र, रोहित मिश्र, विकास, जे.पी. त्रिपाठी, अश्वनी, शिवम सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु एवं ग्रामवासी उपस्थित रहे। आयोजन समिति ने कथा स्थल पर बैठने, भंडारे व सुरक्षा की उत्कृष्ट व्यवस्था की थी।

श्रद्धालुओं ने कहा कि इस दिव्य कथा ने न केवल आध्यात्मिक आनंद दिया, बल्कि जीवन मूल्यों को आत्मसात करने की प्रेरणा भी दी। कथा यज्ञ के आगामी दिनों में श्रीकृष्ण की लीला एवं उपदेशों से भरे प्रसंगों का रसपान कराया जाएगा।