
बाराबंकी। जहाँगीराबाद थाना क्षेत्र के ग्राम दतौली लहबड़पुरवा में पिछले दो दिनों से चल रहे अवैध मुरम-मिट्टी खनन ने ग्रामीणों में हड़कंप मचा दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि स्थानीय ठेकेदार सुनील यादव और उदल/उपेन्द्र यादव के गिरोह ने पंचायत, सरकारी और निजी जमीनों को खोदकर मिट्टी निकाल ली है और पास के गांवों व शहरों जैसे सद्दीपुर, जहाँगीराबाद, त्रिलोकपुर व भयारा में बेच रहे हैं।
ग्रामीणों ने पुलिस और संबंधित विभागों पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि खनन से विभाग को लाभ पहुंचता है, इसलिए थाने की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। विरोध करने पर दबंगों द्वारा धमकाया जाता है और कई बार पुलिस कथित रूप से अवैध खनन करने वालों के साथ खड़ी दिखाई देती है।
स्थानीय लोग बता रहे हैं कि खनन स्थल पर मानक से कहीं अधिक गहरे गड्ढे खोदे जा रहे हैं, जिससे खेतों की उपज घटने का खतरा है और भविष्य में बच्चों व पशुओं के गिरने की आशंका बनी हुई है। एक ग्रामीण ने कहा, “हमारी जमीन को जैसे किसी ने काटकर ले लिया हो, खेत अंदर से खाली हो रहे हैं, जमीन दरक रही है और कुएँ-नालियाँ भी प्रभावित हो रही हैं।”
आरोप है कि कई खेतों में खेत मालिकों की अनुमति के बिना ही खनन किया गया, बिना किसी वैध परमिट या रॉयल्टी भुगतान के। ग्रामीणों ने बताया कि खनन बढ़ता जा रहा है और प्रशासन से लगातार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही। शिकायत करने वालों को धमकाया जा रहा है और दबंगों को संरक्षण दिया जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि सतही मिट्टी निकाल लेने से स्थानीय जलस्रोत प्रभावित होते हैं और मिट्टी की बनावट बदलने से सिंचाई और कृषि जीवन पर दीर्घकालिक असर पड़ सकता है। खुले गड्ढों से बच्चों और पशुधन के गिरने का खतरा भी बना रहता है।
गांव के मुखिया और प्रभावित ग्रामीणों ने जिला प्रशासन, राजस्व और खान विभाग से अवैध खनन रोकने, खननस्थल सील करने और जिम्मेदार ठेकेदारों व मिलीभगत करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही खोदे गए गड्ढों को भरवाकर सुरक्षा सुनिश्चित करने और प्रभावित जमीनों का मुआवज़ा दिलाने की भी अपील की गई।
स्थानीय नागरिक संगठन और जनप्रतिनिधियों से भी हस्तक्षेप की मांग की जा रही है। ग्रामीण चेतावनी दे रहे हैं कि यदि प्रशासन ने शीघ्र कदम नहीं उठाए तो वे संगठित रूप में आवाज उठाकर सड़कों पर आंदोलन करेंगे।