
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में महिला कांस्टेबल विमलेश पाल की हत्या का राज खुल गया है। इस वारदात ने पुलिस विभाग और समाज दोनों को झकझोर कर रख दिया है। मसौली थाना क्षेत्र के बिंदौरा हाईवे के पास झाड़ियों में मिले शव की गुत्थी को पुलिस ने सुलझाते हुए आरोपी सिपाही इन्द्रेश मौर्य को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने जुर्म कबूल करते हुए बताया कि उसने विमलेश को मौत के घाट सिर्फ इसलिए उतार दिया क्योंकि वह उससे शादी के बाद ‘पत्नी का दर्जा’ मांग रही थी।
वर्ष 2024 में महिला कांस्टेबल विमलेश पाल ने उसी के साथ काम कर रहे सिपाही इन्द्रेश मौर्य के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे से बचने और विवाद से निकलने के लिए इन्द्रेश ने विमलेश से आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली थी। लेकिन शादी के बाद भी वह उसे पत्नी का दर्जा देने को तैयार नहीं था।

पुलिस के अनुसार, इन्द्रेश मौर्य ने विमलेश से दूरी बनाने के लिए उसे कभी सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं किया। उल्टा, महिला आरक्षी के खाते से लोन लेकर उसका पैसा भी खर्च कर चुका था, जिससे दोनों के बीच विवाद और गहरा गया। विमलेश बार-बार पति का दर्जा देने की मांग कर रही थी, लेकिन इन्द्रेश उसे अपनाने को तैयार नहीं था।
पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि इन्द्रेश मौर्य ने महिला कांस्टेबल से पीछा छुड़ाने के लिए उसकी हत्या की साजिश रची। 27 जुलाई को उसने विमलेश को मिलने के बहाने बुलाया और अपनी वैगन आर कार में बिठाया। रास्ते में कार में रखी लोहे की रिंच से उसके सिर पर वार कर दिया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। इसके बाद शव को बिंदौरा हाईवे के पास झाड़ियों में फेंककर फरार हो गया।
मामले की जांच के दौरान पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन के आधार पर इन्द्रेश को चिन्हित किया। भयारा मोड़ के पास से उसे गिरफ्तार किया गया। उसके कब्जे से घटना में प्रयुक्त कार और हथियार भी बरामद कर लिया गया है।
बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस जघन्य हत्याकांड का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म या चेहरे पर तेजाब डालने जैसी किसी घटना की पुष्टि नहीं हुई है।
यह मामला न केवल पुलिस महकमे के भीतर रिश्तों और संवेदनाओं के पतन को दर्शाता है, बल्कि यह भी सवाल उठाता है कि एक महिला कांस्टेबल को न्याय पाने और सम्मान पाने की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।