बाराबंकी।राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती अवसर पर जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने कहा कि दोनों महापुरुषों का जीवन देशसेवा को समर्पित रहा है। गांधी जी का सत्य और अहिंसा का मार्ग तथा शास्त्री जी का त्याग और सादगी आज भी समाज को नई दिशा देते हैं। उन्होंने कहा कि गांधी जी और शास्त्री जी दोनों दूसरों के कष्टों को अपना कष्ट मानते थे और समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचने का प्रयास करते थे।
कलेक्ट्रेट परिसर में ध्वजारोहण कर डीएम ने स्वच्छता की शपथ दिलाई। इसके उपरांत लोक सभागार में गांधी जी और शास्त्री जी की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि आजादी का आंदोलन तलवार और बंदूक से नहीं बल्कि सत्य और अहिंसा के बल पर जीता गया। यही लोकतांत्रिक मूल्यों की नींव है, जो आज भारत को मजबूती प्रदान कर रही है।
गांधी-शास्त्री का बलिदान समाज के लिए प्रेरणा
डीएम शशांक त्रिपाठी ने कहा कि दोनों महापुरुषों का बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। शास्त्री जी ने “जय जवान-जय किसान” का नारा देकर भारत को आत्मनिर्भर और मजबूत बनाया। रेल दुर्घटना के बाद मंत्री पद से त्यागपत्र देना उनकी नैतिकता और सादगी का उदाहरण है। प्रधानमंत्री बनने के बाद भी वे सामान्य जीवन व्यतीत करते रहे।
गांधी का सत्य और शास्त्री का त्याग बने मार्गदर्शक
डीएम ने कहा कि समाज के अंतिम व्यक्ति के दुःख-दर्द को समझना और उसके उत्थान के लिए कार्य करना ही गांधी-शास्त्री को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। एडीएम (वित्त एवं राजस्व) अरुण कुमार ने कहा कि दोनों महान विभूतियों के पदचिन्हों पर चलना समाज के निर्बल और असहाय वर्ग को सशक्त बनाने का मार्ग है। वहीं एडीएम (न्यायिक) राजकुमार सिंह ने कहा कि गांधी जी ने सत्य-अहिंसा के बल पर वकालत छोड़कर देशसेवा का मार्ग चुना।
इस अवसर पर एडीएम (वित्त एवं राजस्व) अरुण कुमार सिंह, एडीएम (न्यायिक) राजकुमार सिंह, डिप्टी कलेक्टर मधुमिता सिंह, आकांक्षा गुप्ता, अनिल सरोज सहित कलेक्ट्रेट के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
जयंती अवसर पर पुलिस लाइंस में पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय ने ध्वजारोहण किया। विकास भवन में सीडीओ और सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय में मयंक तिवारी ने ध्वजारोहण कर गांधी-शास्त्री जयंती को भव्य रूप से मनाया।