
बाराबंकी। जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी के निर्देश पर सीएमओ अवधेश यादव की टीम ने अप्रैल से नवंबर तक जिलेभर में चलाए गए अभियान के तहत अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए 71 अवैध अस्पतालों, क्लीनिकों और डायग्नोस्टिक सेंटरों को सील कर दिया। लगातार सात महीनों तक चली गोपनीय जांच और ताबड़तोड़ छापेमारी के बाद फर्जी, बिना पंजीकरण और बिना विशेषज्ञ डॉक्टरों के संचालित संस्थानों पर ताले जड़ दिए गए। कार्रवाई के बाद पूरे जिले में हड़कंप मचा हुआ है, जबकि आम जनता इस कदम की सराहना कर रही है।
जांच के दौरान कई अस्पताल बिना लाइसेंस, बिना रजिस्ट्रेशन, बिना प्रशिक्षित डॉक्टर और तकनीशियन के चल रहे थे। कुछ जगहों पर एक्सपायर दवाइयों और अवैध उपचार सामग्री का इस्तेमाल पाए जाने के बाद तत्काल सीज की कार्रवाई की गई। डीएम ने स्पष्ट किया कि मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ किसी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने देवा, फतेहपुर बेलहरा, रानीबाजार, सूरतगंज, हैदरगढ़, दरियाबाद, त्रिवेदीगंज, जैदपुर, सिद्धौर, टिकैतनगर, आलापुर, सुबेहा, निन्दूरा, इचौली रोड, महमूदाबाद, बिबियापुर, भानपुर कोठी सहित कई क्षेत्रों में छापेमारी करते हुए 71 अवैध संस्थानों को सील किया। जिन केंद्रों पर कार्रवाई हुई, उनमें अजय कुमार वर्मा, नैना पॉलीक्लीनिक, तिरूपति हॉस्पिटल, डॉ. गौरव कुमार क्लीनिक, सिटी नर्सिंग होम एंड सर्जिकल सेंटर, मोनिस पैथोलॉजी, लखनऊ हॉस्पिटल एंड मैटरनिटी सेंटर, रामअचल यादव क्लीनिक, एकता हॉस्पिटल, परफेक्ट नर्सिंग होम, हिन्द डायग्नोस्टिक सेंटर, जन्नत हॉस्पिटल, आर.के. पॉलीक्लीनिक, शिवा डायग्नोस्टिक सेंटर, मैक्स पॉलीक्लीनिक, बृजेन्द्र वर्मा क्लीनिक, केसरी नंदन हॉस्पिटल, हर्षा पॉलीक्लीनिक, एमएस डायग्नोस्टिक सेंटर, अभय अर्थों एंड पॉलीक्लीनिक, मन्नत डायग्नोस्टिक सेंटर, एसएस हॉस्पिटल, श्री अनंत हॉस्पिटल, यश हॉस्पिटल, नेशलन हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर, सरस्वती मेडिकल स्टोर, अनवी क्लीनिक, श्री साई क्लीनिक, नीलम हॉस्पिटल, आर्यन पॉलीक्लीनिक समेत कई अन्य संस्थान शामिल रहे।
डीएम शशांक त्रिपाठी ने दोहराया कि जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अवैध अस्पतालों, झोलाछाप चिकित्सकों और फर्जी पैथोलॉजी संचालकों के खिलाफ यह अभियान आगे भी लगातार जारी रहेगा।