बाराबंकी में प्राथमिक शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर किया शिक्षण कार्य, टीईटी अनिवार्यता और एनसीटीई नियमावली संशोधन की मांग

बाराबंकी। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा देशभर के सेवारत प्राथमिक शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण करने की बाध्यता से मुक्त करने और भारत सरकार द्वारा एनसीटीई की नियमावली 2017 में संशोधन कराने की मांग को लेकर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के तत्वावधान में तीसरे संघर्षपूर्ण आंदोलन की शुरुआत की गई।

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के बाराबंकी जिलाध्यक्ष डॉ. राकेश सिंह ने बताया कि इस आंदोलन के तहत 22 सितंबर से 15 अक्टूबर 2025 तक प्रतिदिन जिले के समस्त विकास खंडों और मुख्यालय के विद्यालयों में शिक्षकों द्वारा काली पट्टी बांधकर शिक्षण कार्य किया जाएगा। इसके साथ ही हस्ताक्षर अभियान चलाकर इसकी प्रतिलिपि सर्वोच्च न्यायालय, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और केंद्रीय शिक्षा मंत्री को ई-मेल के माध्यम से प्रेषित की जाएगी। मुख्यमंत्री और बेसिक शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश को भी अभियान की जानकारी दी जाएगी।

अधिकारियों ने बताया कि शिक्षकों की यह मांग एनसीटीई की नियमावली में संशोधन कर उन्हें सेवा में बने रहने की सुविधा देने की है। अगर मांगें पूरी नहीं हुईं, तो प्रांतीय नेतृत्व के निर्देशानुसार आगे संघर्ष जारी रहेगा।

आज जिले के विभिन्न ब्लॉकों में ब्लॉक संगठन के नेतृत्व में शिक्षकों और संगठन पदाधिकारियों ने काली पट्टी बांधकर शिक्षण कार्य किया। फतेहपुर ब्लॉक में जिलाध्यक्ष डॉ. राकेश सिंह, जिला उपाध्यक्ष दिनेश मौर्य, जिला संगठन मंत्री विश्वजीत सिंह, अनवार अहमद, प्रवेश कुमार सिंह, प्रमेन्द्र वर्मा, गुनित शर्मा, भानु प्रताप मिहिर के नेतृत्व में शिक्षकों ने आंदोलन किया। रामनगर ब्लॉक में जनपदीय मंत्री उमानाथ मिश्र, जनपदीय उपाध्यक्ष चन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव, जनपदीय संगठन मंत्री ललित वर्मा, ब्लॉक अध्यक्ष हनुमंत अवस्थी, ब्लॉक मंत्री पवन मिश्र ने नेतृत्व संभाला। सूरतगंज ब्लॉक में ब्लॉक अध्यक्ष अरविन्द प्रताप सिंह, ब्लॉक मंत्री रविशंकर जोशी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजीत प्रताप सिंह और ब्लॉक कोषाध्यक्ष विजय यादव ने हस्ताक्षर अभियान एवं आंदोलन का नेतृत्व किया।