रामनगर, बाराबंकी।
ब्लॉक रामनगर के बिंदोरा परसपुर स्थित कंपोजिट विद्यालय में पढ़ने वाले एक छात्र की प्रधानाचार्या द्वारा बेरहमी से पिटाई किए जाने का मामला सामने आया है। आहत अभिभावक ने थाना रामनगर में प्रधानाचार्या के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए लिखित तहरीर दी है। इस घटना से स्थानीय अभिभावकों में आक्रोश व्याप्त है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बिंदोरा परसपुर निवासी बृजेश कुमार त्रिवेदी पुत्र सूर्यमड़ी त्रिवेदी ने थाना रामनगर में दिए गए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया है कि उनका बेटा सचिन कक्षा 7 का छात्र है, जो कंपोजिट विद्यालय बिंदोरा परसपुर में पढ़ता है। 2 अगस्त को विद्यालय में प्रधानाचार्या सुधा (पत्नी अज्ञात, निवासी लोधौरा, थाना रामनगर) ने बिना किसी वजह के सचिन की डंडे से बर्बरतापूर्वक पिटाई कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने गंदी-भद्दी गालियां भी दीं और धमकी दी कि “तुम्हारा नाम स्कूल से काट देंगे।”
बृजेश त्रिवेदी ने अपने प्रार्थना पत्र में आगे लिखा है कि यह पहली घटना नहीं है। प्रधानाचार्या द्वारा पूर्व में भी उनके बड़े बेटे आशुतोष (कक्षा 8) सहित अन्य कई बच्चों को भी पीटा जा चुका है, लेकिन विद्यालय में उनके लंबे समय से प्रभाव और ऊंची पहुंच के चलते कोई अभिभावक खुलकर बोलने की हिम्मत नहीं करता। बताया जा रहा है कि सुधा देवी पिछले 28 वर्षों से उसी विद्यालय में तैनात हैं और हमेशा से दबंगई करती रही हैं।
पीड़ित छात्र सचिन को गंभीर चोटें आई हैं, जिसके लिए उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया है। बृजेश त्रिवेदी ने मांग की है कि उक्त प्रधानाचार्या पर कठोर विधिक कार्रवाई की जाए ताकि उनके आतंक और मारपीट की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाया जा सके और विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को भयमुक्त वातावरण मिल सके।
घटना की जानकारी फैलते ही स्थानीय ग्रामीणों और अभिभावकों में रोष व्याप्त हो गया। ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षकों का कर्तव्य बच्चों को शिक्षा देना है, न कि उन्हें शारीरिक या मानसिक रूप से प्रताड़ित करना। यह घटना न केवल कानूनन गलत है, बल्कि नैतिक रूप से भी अत्यंत शर्मनाक है।
अब यह देखना होगा कि प्रशासन और शिक्षा विभाग इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है और क्या दबंग प्रधानाचार्या के खिलाफ सख्त कार्रवाई होती है या फिर मामला फाइलों में ही दबा दिया जाता है।