नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के लक्ष्मीबाई कॉलेज में डॉ नीलम द्वारा हिंदी की विभागाध्यक्ष डॉ रंजीत कौर पर लगाए गए आरोपों को डॉ रंजीत कौर ने निराधार बताया और कहा कि बल्कि मेरे साथ ज्यादती हुई है, उसने मेरे केश पकड़ कर खींचे। इस बीच एक अन्य टीचर ने बीच बचाव किया। डॉ रंजीत ने कॉलेज प्राचार्या से लिखित शिकायत की है कि डॉ नीलम ने उनकी छवि को खराब करने की कोशिश की है जिसकी वजह से वह मानसिक रूप से प्रताड़ित हुई हैं। उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि ना तो उन्होंने डॉ नीलम को थप्पड़ मारा है और ना ही वे किसी जाति, धर्म या समुदाय में भेदभाव रखती है क्योंकि वह एक शिक्षिका है और शिक्षिका का धर्म और कर्तव्य वे अच्छे से समझती हैं। डॉ रंजीत कौर का आरोप है कि डॉ नीलम के कारण सोशल मीडिया पर उनकी छवि को पूरी तरह से खराब करने की कोशिश की जा रही है।
डॉ रंजीत ने दी सफाई
जिसकी वजह से वह मानसिक रूप से प्रताड़ित हुई हैं। उन्होंने कॉलेज प्राचार्या से अनुरोध किया है कि वह डॉ नीलम के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही करें। डॉ रंजीत ने साफ किया है कि एक शिक्षक जाति, धर्म और समुदाय से ऊपर उठकर होता है इसलिए डॉ नीलम को भी इस बात को समझना चाहिए। डॉ नीलम का अपने को दलित शिक्षिका का नाम लेकर सामने वाले पर आरोप लगाना भी गलत है।
डॉ रंजीत ने कॉलेज प्रशासन से शिकायत की है कि उन्होंने डॉ नीलम को थप्पड़ नहीं मारा बल्कि डॉ नीलम ने ही उनसे ज्यादती की और उनके बाल खींचे।
जानिए कब का हैं यह मामला?
यह पूरा मामला उस समय का हैं जब हिंदी विभाग की मीटिंग के बाद विभागाध्यक्ष डॉ रंजीत कौर मीटिंग के मिनिट्स पर हस्ताक्षर करवाने डॉ नीलम के पास गई लेकिन उन्होंने हस्ताक्षर नहीं किए और रजिस्टर को भी फाड़ने की कोशिश की। इस दौरान डॉ नीलम ने डॉक्टर रंजीत कौर के साथ ज्यादती की और उनके बाल खींचे। इसकी शिकायत डॉ रंजीत कौर ने कॉलेज प्रिंसिपल और दिल्ली पुलिस को भी दी है।