
बटेश्वर (आगरा): मिट्टी की खुशबू, ढोल-नगाड़ों की थाप और जयकारों की गूंज के बीच बटेश्वर नाथ जी के पावन मेले में आयोजित दंगल प्रतियोगिता ने हर किसी का दिल जीत लिया। भारतीय संस्कृति की शक्ति और परंपरा का यह अनोखा संगम तब और जीवंत हो उठा जब अखाड़े में पहलवानों ने अपनी ताकत, फुर्ती और जोश का शानदार प्रदर्शन किया।
इस भव्य आयोजन का शुभारंभ भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने फीता काटकर किया। उन्होंने पारंपरिक रीति से पहलवानों का हाथ मिलवाकर अखाड़े में उतारा और सभी खिलाड़ियों को उनके स्वर्णिम भविष्य की शुभकामनाएं दीं। अरुण सिंह ने कहा कि “दंगल केवल खेल नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति की आत्मा है — यह परिश्रम, संयम और सम्मान की सीख देता है।”
इस अवसर पर विधायक रानी पक्षालिका सिंह, जिलाध्यक्ष प्रशांत पौनिया, पूर्व विधायक डॉ. राजेंद्र सिंह, जिला महामंत्री शिवकुमार प्रमुख, जिला मंत्री सहदेव शर्मा, मानवेन्द्र राठौर, गौरव राजावत, और जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. मंजू भदौरिया सहित कई गणमान्य जन उपस्थित रहे। सभी ने पहलवानों का उत्साहवर्धन किया और भारतीय कुश्ती परंपरा को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।
दिनभर चली रोमांचक मुकाबलों की श्रृंखला में दर्शकों ने सांसें थामकर हर पल का आनंद लिया। अखाड़े में गूंजते “जय बजरंग बली” के नारे और तालियों की गड़गड़ाहट ने माहौल को ऊर्जा से भर दिया।
दंगल का पहला स्थान और अंतिम 1 लाख 20 हजार रुपए की कुश्ती का खिताब फतेहाबाद के शेरा गुर्जर पहलवान ने अपने नाम किया। उनके शानदार दांव-पेच और दृढ़ संकल्प ने सभी को प्रभावित किया। जीत के बाद शेरा गुर्जर ने कहा — “यह जीत मेरे गुरु और बटेश्वर की पवित्र धरती को समर्पित है।”
बटेश्वर दंगल ने एक बार फिर साबित किया कि जहाँ परंपरा मिलती है शक्ति से, वहाँ संस्कृति का हर रंग और जोश और भी उज्ज्वल हो उठता है।