
फतेहपुर–बाराबंकी। कस्बा बेलहरा क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण के दावों की खुलेआम धज्जियां उड़ती नजर आ रही हैं। आरोप है कि लकड़ी माफियाओं ने वन विभाग की कथित मिलीभगत से लाखों रुपये की कीमत वाले हरे-भरे आम के बाग पर दिनदहाड़े आरा चला दिया, लेकिन सूचना के बावजूद वन विभाग के जिम्मेदार मौके पर नहीं पहुंचे।
मामला कस्बा बेलहरा के गांव मुंडाभारी क्षेत्र स्थित एक आम के बाग का है, जहां बिना किसी वैध अनुमति के आम के पेड़ों की कटान की जा रही थी। एक ओर सरकार पर्यावरण संरक्षण को लेकर गंभीर दिखाई देती है, हर साल करोड़ों पौधे रोपे जा रहे हैं और वन विभाग द्वारा वन्यजीव सप्ताह जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, वहीं दूसरी ओर प्रतिबंधित हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटान बेरोकटोक जारी है।
रविवार सुबह मुंडाभारी क्षेत्र में आम के बाग में पेड़ काटे जाने की सूचना स्थानीय लोगों ने संबंधित विभाग को दी, लेकिन आरोप है कि तस्करों से मिलीभगत के चलते वन विभाग के कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचे। क्षेत्र में चर्चा है कि इस बाग की लकड़ी वन विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से काटी जा रही है।
स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि वार्ड संख्या 6 के सभासद नसीर खान द्वारा कुछ लकड़ी माफियाओं के साथ मिलकर अवैध कटान और तस्करी का यह कार्य कराया जा रहा है। मामले में वन उपज अभिवहन नियमावली का भी खुला उल्लंघन किया गया है।
इस संबंध में जब वन क्षेत्राधिकारी पी.के. सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि आम के पेड़ कटवाने के लिए विभागीय अनुमति आवश्यक होती है। यदि किसी ठेकेदार या व्यक्ति द्वारा बिना अनुमति के पेड़ काटे गए हैं तो मामले की जांच कर विधिक एवं दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।