जिसे नाजों से पाला, उस बेटे ने ही गोली मारकर करा दी हत्या!

पुरानी रंजिश के तहत गांव के ही लोगो को फंसाना चाहता था बेटा

पुलिस ने हत्यारोपी दंपति सहित चार को भेजा जेल, तमंचा, कारतूस वरामद

मैनपुरी। भोगांव थाना क्षेत्र के नगला मधू में एक अगस्त की रात कृपाल सिंह की हत्या किसी बाहरी व्यक्ति ने नहीं बल्कि उनके बेटे ने पत्नी के साथ मिलकर कराई थी। पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। घटना के पीछे नामजद लोगों से रंजिश को वजह बताया है।
एएसपी सिटी अरुण कुमार सिंह ने शुक्रवार को पुलिस लाइन में कृपाल सिंह हत्याकांड के खुलासा करते हुए बताया कि एक अगस्त की रात नगला मधू निवासी कृपाल सिंह की सीने में गोली मारकर हत्या की गई थी। इसका केस मृतक की बहू शैलेंद्री ने दर्ज कराया था। इसमें गांव के रहने वाले शीलू सिंह, अभिषेक, रमेश व अज्ञात को नामजद किया गया था। पुलिस की जांच में पता चला कि जिन लोगों को हत्या का आरोपी बनाया गया है, उन लोगों की मृतक कृपाल सिंह के पुत्र सहदेव व अन्य परिवार के लोगों से रंजिश चली आ रही है, उनके बीच मुकदमेबाजी चल रही है। गहनता से जांच करने पर पता चला कि हत्या मुकदमे में नामजद किए लोगों ने नहीं बल्कि कृपाल सिंह के बेटे सहदेव ने अपनी पत्नी शैलेंद्री व गांव में रहने वाले दो सगे भाई अनिल कुमार और सतीश कुमार के साथ मिलकर की थी। एएसपी सिटी ने बताया कि साक्ष्य एकत्र करने के बाद शुक्रवार को सतीश, अनिल, सहदेव और शैलेंद्री को जीटी रोड नगला मधू के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। सख्ती से पूछताछ करने पर उक्त लोगों ने कृपाल सिंह की हत्या किए जाने का अपराध कबूल किया। सतीश की निशानदेही पर वारदात में प्रयुक्त तमंचा व खोखा कारतूस बरामद कर लिया गया।

एक तीर से दो निशाना, संपत्ति भी कब्जे में और रंजिश भी पूरी
पुलिस को पूछताछ में मृतक कृपाल सिंह के हत्यारोपी बेटे सहदेव और उसकी पत्नी शैलेंद्री व अनिल और सतीश ने बताया कि गांव के रमेश, शीलू, अभिषेक और अंजट सिंह से उनका झगड़ा था। इन लोगों ने उन्हें एक युवती से संबंध होने के मामले में अप्रैल 2025 में पीटा था। मुकदमा भी दर्ज कराया था। सतीश और अनिल ने बताया कि उनके पिता दुर्बीन सिंह से भी रमेश और अंजट सिंह से जानलेवा हमला का मुकदमा चल रहा था। इस मामले में वह जेल भी जा चुके हैं। पिता दुर्बीन की मृत्यु हो चुकी है। सहदेव ने बताया कि अनिल और सतीश की रंजिश के बारे में उनको जानकारी थी। इसलिए उनको भी इस प्लान में शामिल किया। दोनों का दुश्मन एक ही था। एक अगस्त की रात सतीश ने घेर में चारपाई पर सो रहे पिता कृपाल सिंह के सीने में तमंचे से गोली मारी थी। इस दौरान सहदेव घर के बाहर निगरानी कर रहा था। हत्या के बाद सतीश घर चला गया। उसकी पत्नी ने साजिश के तहत विपक्षियों के खिलाफ ससुर की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। इस हत्या से उनकी रंजिश भी पूरी हो गई और पिता की संपत्ति पर कब्जा भी आ गया।

जानलेवा हमला के मामले में सात अगस्त को होनी थी गवाही
आरोपी भाई सतीश और अनिल जानलेवा हमले के मामले में जमानत पर थे। इस मामले में सात अगस्त को न्यायालय में रमेश की गवाही होनी थी। आरोपी मुकदमे से बचना चाहते थे। हत्या करने के बाद सहदेव, अनिल के साथ ट्रक पर चला गया था।