“बिहार मॉडल” पर चल रहा यूपी का भटनी थाना?

रिपोर्ट: सुनील कुमार सिंह | अमर भारती ब्यूरो | स्थान: भटनी, देवरिया (उत्तर प्रदेश)

देवरिया जिले के भटनी थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाली हकीकत सामने आ रही है। आरोप हैं कि थाना पुलिस अब न्यायालय में लंबित ज़मीन विवादों को ‘पुलिसिया समझौते’ के ज़रिये निपटाने पर आमादा है।
पीड़ितों का कहना है कि कोर्ट के आदेशों का इंतज़ार करने के बजाय, पुलिस खुद ही फैसला सुना रही है—वो भी धमकी, दबाव और गिरफ्तारी के डर के साए में।


केस स्टडी #1: “कोर्ट में केस चल रहा है, लेकिन पुलिस कब्जा दिलवा रही है!”

नगर पंचायत वार्ड नंबर 10 में ठाकुर जी की कुटी से जुड़ा एक ज़मीन विवाद वाद संख्या 2606/2023 के तहत देवरिया दीवानी न्यायालय में विचाराधीन है।

लेकिन शुक्रवार को भटनी थाने की पुलिस बड़ी संख्या में पहुंची और एक पक्ष को जबरन कब्जा दिलवाने की कोशिश करती नजर आई।
पीड़िता अनुपुन्न देवी का आरोप है:

“पुलिस बार-बार घर आकर कहती है कि ज़मीन छोड़ दो, वरना अंजाम बुरा होगा। हमारे परिजनों को थाने ले जाकर दबाव डाला जाता है।”


केस स्टडी #2: विधवा को मिली ‘थाने से’ धमकी—“बेटा जेल में सड़ेगा…”

कस्बा निवासी विधवा नेमा देवी ने बताया कि उनका मकान विवाद भी कोर्ट में विचाराधीन है। बावजूद इसके, एसआई मनोज उपाध्याय रोज शाम धमकी देने आ जाते हैं।

पीड़िता का बयान दिल दहला देता है:

“उन्होंने साफ कहा—मकान नहीं छोड़ा तो तुम्हारे बेटे पर इतने मुकदमे लगाऊंगा कि उम्र भर जेल में रहेगा।”

अब मां-बेटे डरे और सहमे हुए हैं, और जिले के आला अधिकारियों से इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं।


मीडिया पर भी ‘थानेदारी’ सेंसरशिप!

इस गंभीर प्रकरण की रिपोर्टिंग करने पहुंचे एक स्थानीय पत्रकार को थाने के पुलिसकर्मियों ने प्रेस कार्ड छीन कर धमकी दी।

“अंजाम भुगतना पड़ेगा…”, यह कहकर पत्रकार को डराने का प्रयास किया गया।
इस संबंध में पीड़ित पत्रकार ने देवरिया एसपी को लिखित शिकायत सौंपी है।


🎙️ SP ने कहा — ‘जांच होगी, कार्रवाई तय है’

इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने भाटपार रानी क्षेत्राधिकारी को जांच सौंप दी है।
उन्होंने आश्वासन दिया कि पीड़ितों के साथ अन्याय नहीं होगा और दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।


📌 यह सिर्फ पुलिस की कहानी नहीं है, यह जनता के विश्वास की परीक्षा है।
क्या वर्दी में बैठे लोग वाकई न्याय की रक्षा कर रहे हैं या फिर उसे रौंद रहे हैं?
जवाब वक्त देगा, लेकिन सवाल आज ही खड़ा होना चाहिए।