विश्व भोजपुरी सम्मेलन कुशीनगर इकाई का भव्य आयोजन

प्रमुख हस्तियों को सम्मानित भी किया गया

पडरौना, कुशीनगर। विश्व भोजपुरी सम्मेलन की कुशीनगर जिला इकाई द्वारा आयोजित जनपदीय सम्मेलन एवं सम्मान समारोह रविवार को नगर में भव्यता के साथ संपन्न हुआ। इस मौके पर भोजपुरी भाषा, साहित्य, लोकगीत, और सांस्कृतिक परंपराओं के संरक्षण-संवर्धन को लेकर व्यापक विमर्श हुआ और कई प्रमुख हस्तियों को सम्मानित भी किया गया।

लोकगायक रामदास शर्मा ने प्रस्तुत दी

समारोह का उद्घाटन मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पण व दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। सरस्वती वंदना अंतरराष्ट्रीय लोकगायक रामदास शर्मा ने प्रस्तुत की। पारंपरिक भोजपुरी कजरी गायन की प्रस्तुति अनामिका गुप्ता, श्वेता सिंह, अश्विनी द्विवेदी व अन्य लोक कलाकारों द्वारा दी गई। कवियों अवध किशोर अवधू, रामपति रसिया, आकाश महेशपुरी सहित अन्य ने भोजपुरी हास्य और संवेदना से भरी रचनाएं सुनाकर खूब सराहना बटोरी।

संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए

विश्व भोजपुरी सम्मेलन के प्रदेश अध्यक्ष सिद्धार्थ मणि त्रिपाठी ने अपने वक्तव्य में कहा कि “भोजपुरी की जड़ें बहुत गहरी हैं। यह भाषा 22 करोड़ लोगों द्वारा बोली जाती है। इसे उसकी गरिमा के अनुरूप प्रतिष्ठित करने के लिए हम सबको एकजुट होना होगा। हमारी मांग है कि भोजपुरी को जल्द से जल्द संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए।”

पडरौना विधायक मनीष जायसवाल मंटू ने कहा कि “भोजपुरी भाषा में विधानसभा में बोलने की अनुमति देना सरकार का ऐतिहासिक कदम है। हम इसे वैश्विक मंच तक पहुंचाने के लिए लगातार प्रयत्नशील रहेंगे।”

पूर्व विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने भोजपुरी में बढ़ती अश्लीलता पर चिंता जताते हुए कहा, “अश्लीलता का बहिष्कार करना होगा और इसके प्रचारकों के खिलाफ आंदोलन चलाना चाहिए।”

वरिष्ठ भाजपा नेता श्याम मुरली मनोहर मिश्र ने कहा, “भोजपुरी की साहित्यिक विरासत गोरखनाथ से लेकर कबीर तक रही है। इसे कानूनी और सांस्कृतिक प्रतिष्ठा दिलाने के लिए हमें मिलकर प्रयास करने होंगे।”

नगर पालिका पडरौना के अध्यक्ष प्रतिनिधि मनीष जायसवाल बुलबुल ने कहा कि “भोजपुरी की सांस्कृतिक विरासत से नई पीढ़ी को जोड़ना समय की मांग है।”

सम्मेलन में साहित्य, लोक संगीत व लोक परंपरा के संवर्धन में योगदान देने वाले साहित्यकार चंदेश्वर शर्मा ‘परवाना’, मधुसूदन पांडे और गायक शंभूनाथ मिश्रा ‘शिवरंग’ को अंगवस्त्र और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में डॉक्टर प्रेमचंद सिंह ने कहा कि “भोजपुरी साहित्य को समृद्ध बनाना साहित्यकारों की ज़िम्मेदारी है।”
डॉ. रामनरेश दुबे ने भोजपुरी के व्याकरणिक विकास की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।

कार्यक्रम का संचालन अनूप मिश्रा ने किया।
जिला कार्यकारिणी की घोषणा में आर.के. भट्ट ‘बावरा’ को अध्यक्ष तथा ज्ञानवर्धन गोविंद राव को महामंत्री घोषित किया गया।

अंत में सम्मेलन के पूर्व अंतरराष्ट्रीय महासचिव और वर्तमान संरक्षक डॉ. अरुणेश नीरन को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सभी ने दो मिनट का मौन रखकर साहित्यिक और भोजपुरी क्षेत्र में उनके योगदान को याद किया।

इस अवसर पर पत्रकार, कवि, कलाकार, शिक्षाविद, और बड़ी संख्या में जनसामान्य उपस्थित रहे। सम्मेलन के सफल आयोजन ने भोजपुरी के भविष्य को लेकर नई आशा और ऊर्जा का संचार किया।