यूएस कैपिटल बिल्डिंग में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों के हिंसक उत्पात के बाद कई सांसद और संगठन ट्रंप को पद से हटाने की मांग कर रहे हैं. जिस बिल्डिंग पर ट्रंप समर्थकों ने हमला किया, उसमें अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य बैठते हैं. इस घटना के बाद कई सांसद और गवर्नर ट्रंप को पद से हटाने के लिए उन पर महाभियोग लगाने या 25वें संविधान संशोधन का इस्तेमाल करने की बात कह रहे हैं.
20 जनवरी को अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन कार्यभार संभालेंगे यानी ट्रंप के कार्यकाल में सिर्फ 14 दिन ही बचे हैं. हालांकि, बुधवार शाम को हुई यूएस कैपिटल में हिंसा के बाद ट्रंप के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज हो गई है. दरअसल, 6 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों पर कांग्रेस अपनी मुहर लगाने वाली थी. ट्रंप समर्थकों ने इसे रोकने के लिए इमारत पर धावा बोल दिया. इस घटना से ठीक पहले ट्रंप ने अपने समर्थकों को उकसाने वाले कई ट्वीट किए थे.
ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों में धांधली का आरोप लगाते हुए सत्ता हस्तांतरण से इनकार कर रहे हैं. यहां तक कि डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप ने एक ट्वीट में हिंसक समर्थकों को देशभक्त बता दिया था. हालांकि, विवाद बढ़ने पर इवांका ने ट्वीट डिलीट कर दिया. डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन दोनों ही पार्टी के सदस्यों ने ट्रंप के हिंसक समर्थकों की निंदा की है.
वर्जीनिया से डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद डोनाल्ड बेयर ने बुधवार को कहा, “डोनाल्ड ट्रंप हमारे लोकतंत्र के लिए खतरा है. मैं उनके पद से हटाए जाने और महाभियोग लगाने का समर्थन करता हूं. बेयर ने कहा कि 25वें संविधान संशोधन के जरिए ट्रंप को पद से हटाना ज्यादा आसान होगा.” न्यू यॉर्क की डेमोक्रैट एलेक्जैंड्रिया कॉर्टेज ने भी अपने ट्वीट में ट्रंप के खिलाफ महाभियोग लगाने की मांग की. हालांकि, ट्रंप के कार्यकाल में सिर्फ 14 दिन ही बचे हैं, ऐसे में महाभियोग का विकल्प बहुत व्यावहारिक नहीं माना जा रहा है.
ट्रंप की पार्टी के भी कई सदस्य उन्हें पद से हटाए जाने की मांग कर रहे हैं. वर्मोन्ट से रिपब्लिकन पार्टी के गवर्नर फिल स्कॉट ने ट्वीट किया, “बस बहुत हुआ. राष्ट्रपति ट्रंप को इस्तीफा देना चाहिए या कैबिनेट या कांग्रेस को उन्हें पद से हटा देना चाहिए.”
अमेरिका के प्रमुख अखबार ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ की संपादकीय टीम ने ट्रंप को हटाने की बात कही है और 25वें संविधान संशोधन का इस्तेमाल का समर्थन किया है. अखबार ने अपनी संपादकीय टिप्पणी में लिखा है, “राष्ट्रपति ट्रंप अगले 14 दिनों के लिए पद पर बने रहने के लिए अयोग्य हैं. उनके कार्यकाल का एक-एक सेंकेंड कानून व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है.” वॉशिंगटन पोस्ट ने अमेरिका के उप-राष्ट्रपति माइक पेंस से कैबिनेट बुलाकर 25वें संविधान संशोधन को लागू करने और ट्रंप के बचे कार्यकाल की जिम्मेदारी संभालने की अपील की है.
क्या है 25वां संविधान संशोधन?
साल 1967 में अमेरिकी संविधान में 25वें संशोधन को लागू किया गया. इसके तहत, ये व्यवस्था की गई कि अगर राष्ट्रपति शासन करने में अक्षम है या उसका निधन हो जाता है तो उसकी जगह किसी और को ये जिम्मेदारी दी जा सकती है. इसके साथ ही, ये भी प्रावधान किया गया था कि राष्ट्रपति के इस्तीफे या निधन की स्थिति में उप-राष्ट्रपति को स्थायी रूप से सत्ता सौंपी जा सकती है. नया उप-राष्ट्रपति बनाने की ताकत राष्ट्रपति और कांग्रेस को संयुक्त रूप से दी गई हैं.
क्या इसका पहले कभी हुआ है इस्तेमाल?
दिसंबर 1973 में, अमेरिका के उप राष्ट्रपति स्पीरो एग्न्यू ने इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफे के दो महीने बाद, गेराल्ड फोर्ड को 25वें संविधान संशोधन के जरिए राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने उप-राष्ट्रपति बनाया था. गेराल्ड फोर्ड पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें 25वें संविधान संशोधन के जरिए उप-राष्ट्रपति बनाया गया था. हालांकि, इसके लिए 25वें संविधान संशोधन के पहले दो सेक्शनों का ही इस्तेमाल किया गया था.
25वें संविधान संशोधन के तीसरे सेक्शन में राष्ट्रपति को अस्थायी तौर पर उप-राष्ट्रपति को अपनी शक्तियां और जिम्मेदारियां उप-राष्ट्रपति को सौंपने की अनुमति दी गई है. इसका इस्तेमाल साल 1985 में हुआ था जब अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन की सर्जरी होनी थी. साल 2002 और 2007 में जॉर्ज ड्ब्ल्यू बुश को जब एनीस्थीसिया दी गई थी तो भी इसी सेक्शन का इस्तेमाल किया गया था. वहीं, 25वें संविधान संशोधन के चौथे सेक्शन में प्रावधान किया गया है कि अगर राष्ट्रपति सत्ता हस्तांतरण या अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में अक्षम है तो उसे पद से हटाया जा सकता है. लेकिन इस सेक्शन का इस्तेमाल आज तक नहीं किया गया है.
क्या है प्रक्रिया?
अमेरिका के उप-राष्ट्रपति की सहमति और कैबिनेट के बहुमत से ये घोषित किया जा सकता है कि राष्ट्रपति अपनी जिम्मेदारियों का पालन करने में अक्षम हैं. अगर राष्ट्रपति इसका विरोध करता है तो दोनों सदनों में उप-राष्ट्रपति को सत्ता सौंपने के लिए दो-तिहाई बहुमत जरूरी होगा. हालांकि, संविधान संशोधन में ये नहीं तय किया गया है कि किसी राष्ट्रपति को अक्षम घोषित करने के लिए क्या शर्तें होंगी. कई लोग अयोग्यता को सिर्फ शारीरिक और मानसिक अक्षमता तक ही सीमित रखते हैं, हालांकि कई इसे व्यापक रूप में देखते हैं.
रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य नेब्रास्का सेन ने बुधवार को ट्वीट किया, “बुधवार की हिंसा राष्ट्रपति ट्रंप की लोगों के बीच मतभेद पैदा करने की आदत का ही नतीजा था. हालांकि, उन्होंने ट्रंप को पद से हटाने की बात नहीं कही. फ्लोरिडा के सांसद चार्ली क्रिस्ट ने ट्वीट किया, “अमेरिका का 25वां संविधान संशोधन राष्ट्रपति को पद से हटाने की अनुमति देता है. वक्त आ गया है कि ट्रंप को राष्ट्रपति पद से हटा दिया जाए.”
क्या ट्रंप को हटाएंगे माइक पेंस?
अमेरिका के उप-राष्ट्रपति माइक पेंस ने अभी तक ऐसे कोई संकेत नहीं दिए हैं कि वो राष्ट्रपति ट्रंप की क्षमता पर सवाल खड़े करेंगे. साल 2019 में पेंस ने इस तरह के सुझावों को बकवास करार दिया था. हालांकि, पेंस ने बुधवार को ट्रंप को कड़ी फटकार लगाई. पेंस ने कहा कि वो कानून व्यवस्था को भंग नहीं होने देंगे और ट्रंप को अपनी संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल कांग्रेस को इलेक्टोरल वोटों की गिनती करने से रोकने में नहीं करने देंगे.