नई दिल्ली। ममता सरकार को बड़ा झटका देते हुए कोलकता हाई कोर्ट ने बंगाल चुनावों में हुई हिंसा को लेकर सीबीआई को जांच के आदेश दिया है। मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम का गठन किया गया है। कोलकाता के पुलिस कमिश्नर सोमेन मित्रा और अन्य को SIT का सदस्य बनाया गया है।
टीएमसी और भाजपा में जारी आरोप-प्रत्यारोप
दरअसल ममता के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस पर बंगाल विधानसभा चुनाव जीतने के बाद राज्य में हिंसा भड़काने के आरोप लगाए गए थे। भाजपा का कहना था कि टीएमसी ने उनकी महिला कार्यकर्ताओं पर हमले किए और उनकी हत्या की। साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं के घर पर तोड़-फोड़ की और दुकानों और ऑफिसों को तोड़ा गया। हालांकि ममता सरकार ने इन सभी आरोपों को झूठा करार दिया और कहा कि राज्य में जब हिंसा की ज्यादा घटनाएं दो मई को हुई थी, उस समय पुलिस चुनाव आयोग के नियंत्रण में थी।
ममता का केंद्र सरकार पर सीधा वार
हाई कोर्ट के इस फैसले का भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने स्वागत किया है। ममता बनर्जी सरकार निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद राज्य सरकार के संरक्षण में हिंसा हुई थी। उच्च न्यायालय के आदेश ने सरकार को एक्सपोज कर दिया है।’ इसके अलावा केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि हम फैसले का स्वागत करते हैं। लोकतंत्र में हर किसी को अपनी विचारधारा को फैलाने का अधिकार है, लेकिन किसी को भी हिंसा की अनुमति नहीं है। लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है।