सोनभद्र/लखनऊ। शुद्ध पेयजल योजना के शिलान्यास अवसर पर सोनभद्र में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आजादी के 70-72 वर्षों में विंध्य क्षेत्र के महज 398 गांवों में ही पेयजल की सुविधा मिल सकी है।
आज एक साथ करीब 3,000 गांवों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए काम शुरू हो रहा है, यह ऐतिहासिक है। आज का दिन विंध्य क्षेत्र के लिए किसी दीपावली, विजयादशमी और छठ जैसे पर्व से कम नहीं है।
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शुद्ध पेयजल का अर्थ है बीमारियों से मुक्ति और आज सोनभद्र और मीरजापुर जनपद के 3,000 गांवों के लोगों को बीमारियों से मुक्ति देने का शिलान्यास हो रहा है।
अगले डेढ़-दो वर्ष में इस क्षेत्र में पेयजल की समस्या का अंत हो जाएगा। 1917 में निर्मित सोनभद्र का धनौल डैम प्रचुर जलराशि से सम्पन्न है।
अब तक इसका प्रयोग केवल सिंचाई में होता था, अब शोधन कर हम इसे पेयजल का माध्यम भी बना रहे हैं।
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘सबका साथ-सबका विकास’ का जो मंत्र 2014 में लिया था, आज केंद्र और राज्य की सरकारें उसे चरितार्थ कर रही हैं।
विकास सवका-तुष्टीकरण किसी का नहीं, यह हमारा सूत्र है। आज सरकार बिना भेदभाव विकास करती है। जनता का हित ही देश और प्रदेश का हित है।
सीएम ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार इतनी बड़ी परियोजना विंध्य क्षेत्र में शुरू हो रही है। यह क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है। पर्यटन विकास की असीम संभावनाओं को देखते हुए यहां हवाई पट्टी का विस्तार हो रहा है।
सोनभद्र में योगिराज मत्स्येंद्रनाथ जी की साधनास्थली का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि हजारों वर्षों से यह साधना स्थली लोगों में चेतना जागृत करने का केंद्र है। उन्होंने कहा कि सोनभद्र जिला प्रशासन यहां की खूबियों पर एक कॉफी टेबल बुक तैयार कर रहा है।
हम अपनी हर छोटी-बड़ी खूबियों की ब्रान्डिंग करेंगे, यह रोजगार सृजन का भी आधार बनेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सोनभद्र जनजाति बाहुल्य क्षेत्र है।
अगर इसे जनजातियों की उत्पत्ति का स्थल कहें तो गलत नहीं होगा। राज्य सरकार जनजाति जनों के सर्वांगीण विकास के लिए अनेक योजनाएं चला रही है। पीएम आवास, मुख्यमंत्री आवास, आयुष्मान भारत जैसे प्रयासों ने लोगों का जीवन सुलभ किया है।