दूसरे चरण की सबसे हाई प्रोफाइल मानी जा रही इस सीट का नाम है बांकीपुर. इस सीट पर मुकाबला इसलिए भी रोचक है क्योंकि यहां से तीन बार के सीटिंग विधायक नितिन नवीन का मुकाबला खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताने वाली प्लूरल्स पार्टी प्रमुख पुष्पम प्रिया चौधरी और शत्रुध्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा से है. नितिन भाजपा के प्रत्याशी हैं जबकि लव सिन्हा कांग्रेस के टिकट पर पहली बार चुनाव मैदान में उतर रहे हैं. प्यूरल्स की पुष्पम प्रिया के लिए भी ये पहला चुनाव है लेकिन वह एंट्री से पहले से ही सुर्खियों में हैं.
कायस्थ बाहुल्य है सीट
पटना का बांकीपुर विधानसभा जातीय समीकरण में कायस्थ बाहुल्य है. इसके बाद यादव और मुस्लिमों की संख्या निर्णायक रहती है. भाजपा के सीटिंग विधायक नितिन कायस्थ बिरादरी से आते हैं और अब उनके वोट बैंक में लव सिन्हा भी सेंध लगाने की नीयत से चुनाव मैदान में हैं. पुष्पम प्रिया जातीय समीकरण को किनारे रखकर महिला वोटरों को साधने में लगी हैं. यही वजह है कि वह अपने विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा सक्रिय नजर आती हैं.
पुष्पम सबसे धनवान
वैसे तो बांकीपुर सीट पर लड़ाई जितनी सीधी नजर आती है, उतनी है नहीं. यहां नाम वापसी के बाद कुल 22 प्रत्याशी मैदान में हैं. प्रत्याशियों की ये संख्या वोटों के बिखराव की वजह बन सकती है. लेकिन तीन प्रमुख प्रत्याशियों में पुष्पम सबसे धनवान हैं जिन्होंने अपनी सम्पत्ति 15.92 करोड़ घोषित की है. दूसरे स्थान पर लव सिन्हा 2.68 करोड़ की सम्पत्ति के साथ हैं जबकि सीटिंग विधायक नितिन की सम्पत्ति 1.74 करोड़ रुपये है.
सुषमा की भी बड़ी भूमिका
इस सीट पर एक महिला गेम चेंजर साबित हो सकती है. दरअलस भाजपा की महिला नेता और राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व सदस्य सुषमा साहू ने यहां भाजपा से बगावत कर रखी है. पार्टी से अलग होकर सुषमा ने यहां निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भी किया. लेकिन दुर्भाग्यवश उनका पर्चा खारिज हो गया. अब सुषमा कांग्रेस प्रत्याशी लव सिन्हा के पक्ष में प्रचार कर रही हैं. सुषमा का यहां के कायस्थों में अच्छा प्रभाव है.