‘दिनकर’ से लेकर मेहनतकश तक की आंखों में बसता है यह प्रांत
नई दिल्ली। जब भी हम साहित्य के पुरोधाओं की बात करते हैं, आईएएस, आईपीएस की बात करते हैं तो हमारी सांसों को उस मिट्टी की खुशबू महसूस होती है, जिसे सब बिहार कहते हैं। जी हां, आज बिहार दिवस है। आज बिहार 109 साल का हो गया है। इसी दिन सन 1912 में बिहार को बंगाल प्रेसिडेंसी से अलग कर राज्य बनाया गया था। यानी आज के दिन बिहार राज्य के रूप में स्वतंत्र अस्तित्व में आया था। इसलिए हर साल राज्य सरकार द्वारा 22 मार्च को बिहार दिवस मनाया जाता है।
2005 में नितीश ने किया था ऐलान
बता दे कि सन 2005 में जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में सत्ता संभाली तो उन्होंने 22 मार्च को बिहार दिवस मनाने को ऐलान किया। बिहार दिवस मनाने का मुख्य मकसद अपने राज्य की विशिष्टताओं की दुनियाभर में ब्रांडिंग तथा बिहारी होने पर गर्व करना है। बिहार दिवस समारोह की शुरुआत 2008 में श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में एक दिनी उत्सव के रूप में हुई थी और 2009 से इसका विस्तार राज्यभर में हुआ।
‘जल-जीवन-हरियाली’ इस बार की थीम
इस वर्ष बिहार दिवस 2021 की थीम है -‘जल-जीवन-हरियाली’। इस विषय पर पटना कला एवं शिल्प महाविद्यालय के 40 विद्यार्थियों और 10 कॉलेज के शिक्षकों द्वारा जो पेंटिंग बनाई गई है, उसकी प्रदर्शनी भी ज्ञान भवन में लगाई जा रही है। बीईपी ने आर्ट कालेज के प्राचार्य प्रो. अजय पांडेय के संयोजन में 15 से 17 मार्च को इसको लेकर एक प्रतियोगिता कराई थी। इसके तीन विजेताओं को आज के दिन पुरस्कृत भी किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने किया ट्वीट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार दिवस के अवसर ट्वीट किया कि ‘बिहार दिवस की राज्य के सभी निवासियों को ढेरों शुभकामनाएं। गौरवशाली अतीत और समृद्ध संस्कृति के लिए विशेष पहचान रखने वाला यह प्रदेश विकास के नित नए आयाम गढ़ता रहे।’