
📍लखनऊ:
उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में बिजली के निजीकरण के खिलाफ आंदोलन तेज हो गया है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश और नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के संयुक्त आह्वान पर आगामी 9 जुलाई 2025 को देशभर के 27 लाख बिजली कर्मचारी एक दिन की सांकेतिक हड़ताल करेंगे। इससे पहले 2 जुलाई को पूरे भारत में व्यापक विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे।
संघर्ष समिति ने केंद्रीय विद्युत मंत्री को इस संबंध में नोटिस भेजा है, जिसकी प्रतिलिपि सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी भेजी गई है। नोटिस में उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के 42 जनपदों में निजीकरण की प्रक्रिया के विरोध की बात प्रमुखता से कही गई है।

संघर्ष समिति के अनुसार, विरोध आंदोलन की तैयारियों के तहत 30 जून से पदाधिकारी विभिन्न जनपदों और परियोजनाओं का दौरा करेंगे।
30 जून: झांसी और परीक्षा ताप बिजली घर में आमसभा
1 जुलाई: कानपुर, केस्को और पनकी ताप बिजली घर
2 जुलाई: सभी जनपदों और परियोजनाओं में व्यापक विरोध प्रदर्शन
संघर्ष समिति ने स्पष्ट किया कि यदि निजीकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई और टेंडर निकाला गया तो ‘जेल भरो अभियान’ शुरू कर दिया जाएगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन और चेयरमैन की होगी।
संघर्ष समिति ने ऊर्जा निगमों में आपातकाल जैसे हालात उत्पन्न करने, कर्मचारियों का मनमाना स्थानांतरण करने, और संघर्ष समिति के शीर्ष पदाधिकारियों – जितेंद्र सिंह गुर्जर, जयप्रकाश और चंद्रभूषण उपाध्याय – पर स्टेट विजिलेंस द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर की कड़ी निंदा की। समिति ने कहा कि यह सब विरोध की आवाज को दबाने के प्रयास हैं लेकिन यह आंदोलन और तेज़ होगा।
समिति ने चेतावनी दी कि इन दमनात्मक कार्यवाहियों से ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति और टकराव का माहौल बन रहा है। आने वाले सप्ताह भर सभी परियोजनाओं और जनपदों में विरोध सभाएं आयोजित की जाएंगी और जेल भरो अभियान के लिए विशेष टीमों का गठन किया जाएगा।