अमर भारती : पतंगबाजी का हमारे देश में खास स्थान है और हर मौके पर लोग इसका जमकर आनंद लेते है। पर क्या आप जानते है कि ये पतंगबाजी बेजुबान पक्षियों के लिए काफी खतरनाक साबित हो रही है। इसके पीछे का बड़ा कारण है पतंग उड़ाने में चाइनीज मांझे का इस्तेमाल। चाइनीज मांझा बहुत खतरनाक ढंग से तैयार किया जाता है, इसे बनाने में कांच के टुकड़ों के साथ-साथ लोहे का बुरादा भी उपयोग किया जाता है।
दरअसल ज्यादातर ऐसे मांझे नायलन या प्लास्टिक की मदद से बनाए जाते हैं, जो जल्दी नष्ट नहीं होते। लोग दूसरों की पतंग काटने की लालच में इस खतरनाक मांझे को खरीद लेते हैं। मांझे की चपेट में आने पर आसमान में उड़ रहे पक्षियों को गंभीर रूप से घायल कर देते हैं, जिससे उनकी जान तक चली जाती है।
बता दें कि दिल्ली के चांदनी चौक 1913 में शुरू हुआ चैरिटी बर्ड्स अस्पताल, ऐसा इकलौता निःशुल्क अस्पताल है जहां हर तरह के पक्षियों का इलाज किया जाता है। दिल्ली के इस इकलौता चैरिटी बर्ड्स अस्पताल के कर्ताधर्ता सुनील कुमार जैन ने बताया कि सिर्फ 15 अगस्त के दिन ही तकरीबन 60 से ज्यादा पक्षियों की चाइनीज मांझे की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई।
गौरतलब है कि रोजाना करीब 70 से 80 पक्षियों को इलाज के लिए लाया जाता है। वहीं लगातार 13, 14,और 15 अगस्त को चाइनीज मांझे की चपेट में आने से करीब 650 पक्षी घायल हुए थे। उसमें से करीब 150 पक्षियों की मांझे की चपेट में आने से जान चली गई। वहीं करीब 150 पक्षी की हालत अभी भी काफी गंभीर बताई जा रही है। अगर ये सभी ज़िंदगी की जंग जीत भी गए तो शायद ही खुले आसमान की सैर कर सकें।