भारत के युवा ब्लॉकचेन तकनीक एक्सपर्ट मनीष पटेल की पहल से भारत ब्लॉक चेन तकनीकी की राह पर चल पड़ा है। यदी भारत में ब्लॉक चेन तकनीकी सफल होती है तो सरकारी,गैरसरकारी संस्थानों सहित यूनाइटेड नेशन के सतत विकास लक्ष्य प्राप्त करने में आसानी होगी। ब्लॉक चेन की यात्रा में कई देशों के सफल उद्यमी,युवा स्टार्टप, सीईओ शामिल होगें।
जानकारों की माने तो ब्लॉकचेन को भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिये क्रांतिकारी तकनीक है। ब्लॉकचेन तकनीकी के बारे में लोगों के पास कोई खास जानकारी नहीं है,पर ऐसा माना जाता है कि 2009 में बिटकॉइन का आविष्कार होने के बाद इस क्रिप्टो-करेंसी को बनाने के लिये इस ब्लॉकचेन तकनीक की खोज की गई। यह एक ऐसी आधुनिक तकनीक है जिसके बिना बिटकॉइन या अन्य किसी भी प्रकार की क्रिप्टो-करेंसी का लेन-देन कर पाना असंभव है।
क्या है ब्लॉक चैन
जिस प्रकार हज़ारों-लाखों कंप्यूटरों को आपस में जोड़कर इंटरनेट का अविष्कार हुआ, ठीक उसी प्रकार डाटा ब्लॉकों (आँकड़ों) की लंबी श्रृंखला को जोड़कर उसे ब्लॉकचेन का नाम दिया गया है। ब्लॉकचेन तकनीक तीन अलग-अलग तकनीकों का समायोजन है, जिसमें इंटरनेट, पर्सनल ‘की’ (निजी कुंजी) की क्रिप्टोग्राफी अर्थात् जानकारी को गुप्त रखना और प्रोटोकॉल पर नियंत्रण रखना शामिल है।