मुंबई। हिन्दी सिनेमा के दिग्गज एक्टर दिलीप कुमार का आज सुबह 7.30 बजे निधन हो गया है. वो 98 साल के थे. उन्होंने मुंबई के हिंदुजा हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। उन्हें आज शाम 5 बजे जुहू के सांताक्रूज कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। इसमें सीमित संख्या में लोग शामिल होंगे।
दिलीप कुमार की तबीयत लंबे समय से ठीक नहीं थी। उन्हें कई बार हॉस्पिटल में भी भर्ती करना पड़ा था। दिलीप कुमार को पिछले एक महीने में दो बार अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
उम्र से जुड़ी दिक्कतों का कर रहे थे सामना
दिलीप कुमार के डॉक्टर जलील पारकर ने मीडिया से कहा, ‘दिलीप साहब उम्र से जुड़ी दिक्कतों का सामना कर रहे थे। ऐसे में इस वक्त यह पूछना ठीक नहीं है कि उन्हें किस तरह का ट्रीटमेंट दिया जा रहा था। आप रीजन ऑफ डेथ मत पूछिए। थोड़ी इज्जत दीजिए।’
इस दौरान डॉ. नितिन गोखले भी मौजूद थे जो कि 21 सालों से उनका इलाज कर रहे थे। हम सब चाहते थे कि दिलीप साहब 100 साल की उम्र पूरी करें।’
60 फिल्मों में किया था काम
दिलीप कुमार ने पांच दशक के करियर में करीब 60 फिल्मों में काम किया था। उनकी कुछ हिट फिल्मों में ‘ज्वार भाटा’ (1944), ‘अंदाज’ (1949), ‘आन’ (1952), ‘देवदास’ (1955), ‘आजाद’ (1955), ‘मुगल-ए-आजम’ (1960), ‘गंगा जमुना’ (1961), ‘क्रान्ति’ (1981), ‘कर्मा’ (1986) और ‘सौदागर’ (1991) शामिल हैं।
पेशावर में हुआ था जन्म
दिलीप साहब का जन्म 11 दिसंबर 1922 को ब्रिटिश इंडिया के पेशावर (अब पाकिस्तान में) में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई नासिक में की थी। करीब 22 साल की उम्र में ही दिलीप कुमार को पहली फिल्म मिल गई थी। 1944 में उन्होंने फिल्म ज्वार भाटा में काम किया था, लेकिन यह कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाई थी।
पद्मभूषण और दादा साहब अवॉर्ड से सम्मानित
बेहतरीन अदाकारी के लिए उन्हें 8 बार बेस्ट एक्टर के तौर पर फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। हिंदी सिनेमा के सबसे बड़े सम्मान दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से भी उन्हें सम्मानित किया जा चुका है। 2015 में सरकार ने उन्हें देश का दूसरा सबसे बड़े सम्मान पद्म भूषण भी दिया था।