नई दिल्ली. हिमालय की चट्टानों को भेदकर जम्मू-कश्मीर से कारगिल होते हुए लेह तक जोजिला सुरंग का आखिरकार निर्माण शुरू हो गया। केंद्रीय सड़क-परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए सुरंग के निर्माण के लिए सेरेमोनियल ब्लास्ट किया।
जोजिला-र्दे के पहाड़ को काट कर इस सुरंग का अगले छह वर्षों के भीतर निर्माण होने से बर्फबारी के मौसम में भारतीय सेना और अमरनाथ यात्रियों की राह की दुश्वारियां दूर होंगी। एक प्रकार से यह सुरंग सेना और अमरनाथ यात्रियों के लिए वरदान बन जाएगी।
कश्मीर-लद्दाख हाईवे पर कुल 14.2 किलोमीटर की जोजिला पास सुरंग का निर्माण मेघा इंजीनियरिंग कंपनी करेगी। हिमालय पर्वत क्षेत्र में जम्मू कश्मीर से कारगिल होते हुए लेह तक का यह बेहद महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। करीब 6808.63 करोड़ की लागत से बनने वाली इस टनल रोड से भारतीय सेना और अमरनाथ यात्रियों के अलावा श्रीनगर से लद्दाख की यात्रा करने वालों की सुविधा बढ़ जाएगी।
जम्मू कश्मीर से कारगिल होते हुए लेह तक की करीब 33 किलोमीटर की इस परियोजना को दो भाग में बांटा गया है। जिसमें पहले 18.50 किलोमीटर की रोड का निर्माण होगा। परियोजना के दूसरे चरण में करीब 14.15 किलोमीटर का जोजिला पास में सुरंग बनेगी, जिसमें 9.5 मीटर चौड़ी और 7.57 मीटर ऊंची 2 लेन की सड़क बनाई जाएगी।
बर्फबारी से नहीं बंद होगा रास्ता
सर्दियों के मौसम में बर्फबारी के कारण श्रीनगर से लद्दाख तक का हाईवे 4 से 6 महीने तक अमूमन बंद हो जाता है, जिससे आवागमन में बहुत परेशानी होती है। भारतीय सेना की भी गाड़ियों के आवागमन में परेशानी होती है, जिसको देखते हुए भारत सरकार ने जोजिला पास में सुरंग बनाने का प्रस्ताव पारित किया। प्रस्तावित रोड सोनमर्ग से कारगिल होते हुए लेह को जोड़ेगी।
इस परियोजना में विपरीत मौसम, पहाड़, नदी और ऊंची चोटियों के कारण बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। यह सुरंग जमीन से करीब 700 मीटर अंदर बनाई जाएगी। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में करीब 72 महीने लगेंगे। जोजिला सुरंग बनने के बाद अमरनाथ यात्रियों के लिए भी सुविधा बढ़ेगी।
30 जुलाई 2020 को 3 कंपनियों द्वारा इस सुरंग को बनाने के लिए टेंडर भरा था, जिसमे सबसे कम दर में मेघा इंजीनियरिंग इंफ्रस्ट्रक्च र लिमिटेड कंपनी ने टेंडर भरा था। जिस पर राष्ट्रीय राजमार्ग एवं औद्यौगिक विकास कॉर्पोरेशन ने बीते 21 अगस्त को इस प्रोजेक्ट का कार्य मेधा इंजीनियरिंग कंपनी को सौंपा था।
श्रीनगर से लेह की दूरी होगी कम
केंद्रीय मंत्री गड़करी का कहना है कि इस टनल के बनने से श्रीनगर, द्रास, करगिल और लेह क्षेत्रों में हर मौसम के लिए कनेक्टिविटी स्थापित हो जाएगी। इसके अलावा दोनों स्थानों के बीच यात्रा में लगने वाले समय में 3 घंटे 15 की कमी आएगी।
इस टनल के बनने से लैंड स्लाइड की आशंकाओं के बगैर नेशनल हाईवे वन पर श्रीनगर से लेह के बीच यात्रा की जा सकेगी। इस पूरे प्रोजेक्ट के निर्माण में 6808.63 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। सुरंग के निर्माण में 6 वर्ष का समय लगेगा, जबकि एप्रोच रोड को बनाने में 2.5 साल लगेंगे।